वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा. उन्होंने बैंकों के साथ नकदी की स्थिति की समीक्षा की.
NBFC की स्थिति में सुधार
प्रेस कॉन्फेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की पहचान की गई है, जिन्हें बैंक कर्ज दे सकते हैं. बैंक लेंडिंग के लिए नए ग्राहक जोड़े जाएंगे. वित्त मंत्री की मानें तो NBFC की स्थिति सुधर रही है.
200 जिलों में लगेंगे कैंप
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 3 से 7 अक्टूबर के बीच 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के लिए कैंप लगाएंगे. सरकार ने इस मुहिम को बैंक लोन मेला नाम दिया है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 11 अक्टूबर के बाद भी लोन मेले का आयोजन किया जाएगा.
सबसे खास बात यह है कि जिन जिलों में इस लोन मेले का आयोजन किय़ा जाएगा, वहां के सांसद भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इस मुहिम में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा बैंकों के विलय के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि नियम के मुताबिक काम तेजी चल रहा है और बैंक रिफॉर्म्स के बेहतर परिणाम आएंगे.
गौरतलब है कि मंदी की आहट के बीच मोदी सरकार की ओर से लगातार बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं. खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर चुकी हैं.
अर्थव्यवस्था में सुधार की लगातार कोशिश
इससे पहले शनिवार को वित्त मंत्री ने 60 फीसदी तक पूरे हो चुके निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की घोषणा की थी. साथ ही इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी, इसकी भी जानकारी दी थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि सरकार अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि आने वाले दिनों में अगर और जरूरत पड़ी तो घोषणाएं की जाएंगी.
Input : Aaj Tak