राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी अब मंकीपॉक्स बीमारी ने दस्तक दे दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एक बीमार शख्स को भर्ती कराया गया है. इस व्यक्ति की उम्र 31 साल है. उसे तेज बुखार के बाद शरीर में छाले पड़ गए थे. इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसका विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.
पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे करीब तीन दिन पहले यहां मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सूत्रों ने बताया कि उसके नमूने शनिवार को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए थे और उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई.
Delhi reports first case of Monkeypox with no travel history
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— ANI Digital (@ani_digital) July 24, 2022
उधर समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि संक्रमित पाए गए व्यक्ति ने हाल में हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक जश्न में हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा, ‘यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह व्यक्ति कैसे संक्रमित हुआ.’
भारत में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का अब तक सामने आया यह चौथा मामला है. हालांकि यह पहला केस है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इससे पहले के सभी तीनों मामले में संक्रमित लोग हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे थे.
यहां केरल के कन्नूर में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स संक्रमण का पहला केस सामने आया था. इसके बाद 22 जुलाई तक कुल तीन मामले सामने आ गए. इनमें से दो लोग यूएई से लौटे थे, जबकि एक व्यक्ति थाईलैंड से आया था.
WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर घोषित की आपात स्थिति
बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस दुनिया के 70 देशों में फैल चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वायरस के इतने तेज प्रसार को एक ‘असाधारण’ हालात करार देते हुए शनिवार को इसे लेकर वैश्विक आपात स्थिति घोषित किया है. डब्ल्यूएचओ की यह घोषणा इस रोग के उपचार के लिए निवेश में तेजी ला सकती है और इसने इस रोग का टीका विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस
दुनिया भर के 75 देशों में मंकीपॉक्स संक्रमण के 16000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें चार भारत से है. मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित जानवरों से मनुष्यों में अप्रत्यक्ष या सीधे संपर्क के जरिये फैलता है. इस वायरस का इंसान-से-इंसान में प्रसार संक्रामक त्वचा या घावों के सीधे संपर्क में आने हो सकता है. इसमें स्किन टू स्किन टच और सांस की बूंदें भी शामिल हैं. अब तक रिपोर्ट किए गए मंकीपॉक्स के मामलों में संक्रमण का मुख्य कारण निकट शारीरिक संपर्क पाया गया है, जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है. संक्रमण दूषित सामग्री जैसे लिनेन, बिस्तर, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ों से भी हो सकता है, जिनसे संक्रामक व्यक्ति की त्वचा छुई हो.
Source : News18