यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ मुंबई के लिए पहली उड़ान रोमानिया से रवाना हो गई है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ मुंबई के लिए पहली उड़ान रोमानिया से रवाना हुई है. उन्होंने कहा कि ‘हम प्रगति कर रहे हैं. हमारी टीमें चौबीसों घंटे जमीन पर काम कर रही हैं. मैं निजी रूप से हालात की निगरानी कर रहा हूं.’ यूक्रेन पर हुए रूसी हमले के बाद वहां पर भारी संख्या में भारतीय नागरिक फंस गए हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या स्टूडेंट्स की है.
My heartfelt thanks to FM @BogdanAurescu for his Government’s cooperation. https://t.co/L0EknlIrHT
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 26, 2022
इन सभी लोगों को यूक्रेन से निकालने के लिए अब सरकार ने जोर-शोर से कोशिशें शुरू कर दी हैं. इन लोगों को पहले जमीन के रास्ते यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. फिर वहां से एयर इंडिया की विशेष उड़ानों से इनको भारत वापस लाया जाएगा. इस तरह की पहली निकासी उड़ानें आज रोमानिया और हंगरी भेजी गईं. यूक्रेन की सीमाओं से जमीनी रास्ते के माध्यम से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया के साथ बात की है.
यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को वापस लाने के लिए दिल्ली से बुखारेस्ट रवाना हुआ एयर इंडिया का विमान संभवत: रविवार रात को 1.50 am पर दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचेगा. इसी तरह दूसरी फ्लाइट आज शाम करीब 4.15 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होगी. जो रविवार को सुबह 7.40 am पर दिल्ली वापस पहुंचेगी. सूत्रों के मुताबिक आज दिल्ली में यूक्रेन से आने वाली विमान के पहुंचने की संभावना बेहद कम है. कल दिल्ली पहुंचने वाले वाली दोनों विमानों में तकरीबन 490 यात्रियों को दिल्ली लाया जाएगा. इनमें से ज्यादातर छात्र हैं. जबकि सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया की एक फ्लाइट रोमानिया के बुखारेस्ट में उतर चुकी है.
मुंबई हवाई अड्डे पर सभी तैयारियां पूरी
यूक्रेन से आने वाले भारतीयों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) पर सभी जरूरी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है. जिससे यूक्रेन से लौटने वाले युवा भारतीय छात्रों को सुगमता से उनके घरों को भेजा जा सके. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर आज एयर इंडिया की AI1944 उड़ान मुंबई पहुंच रही है. सरकार के तय दिशा-निर्देशों के अनुसार हवाई अड्डे पर हवाई अड्डा स्वास्थ्य संगठन (APHO) की टीम यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच करेगी. यात्रियों को कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र या निगेटिव आरटी-पीसीआर (RT-PCR) रिपोर्ट दिखानी होगी. यदि किसी के पास दोनों में से कोई भी नहीं होगा, तो हवाई अड्डे पर ही उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा. इसका खर्च एयरपोर्ट उठाएगा. यदि किसी यात्री का कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया तो निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार उसका इलाज होगा. इसके अलावा यूक्रेन से सीएसएमआईए हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले छात्रों के बैठने के लिए एक विशेष क्षेत्र तय किया गया है. उन्हें यहां मुफ्त वाईफाई, भोजन और पानी की बोतलें भी दी जाएंगी. उन सभी को हर जरूरी मदद मिलेगी.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं पर अपनी कई टीमें भेज दी हैं. इसके बाद केंद्र सरकार ने रोमानिया और हंगरी से उड़ानों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकालने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया. सरकार ने शनिवार को दिल्ली और मुंबई से एयर इंडिया की उड़ानें रोमानिया के बुखारेस्ट और हंगरी के बुडापेस्ट के लिए भेजने की व्यवस्था की है. इसके साथ ही भारत हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया के साथ यूक्रेन की जमीनी सीमाओं के माध्यम से अपने नागरिकों को निकालने के लिए सहयोग मांग कर रहा है. जहां से उन्हें स्वदेश भेजा जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन से भारतीय लोगों का पहला जत्था सुसेवा सीमा पार करके रोमानिया पहुंच गया है.
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार इस अभियान के लिए 256 सीटों वाले बोइंग 787 विमान का उपयोग किया जाएगा. वंदे भारत मिशन के तहत ये सभी उड़ानें संचालित की जाएंगी. जबकि एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया 26 फरवरी को दिल्ली और मुंबई से बुखारेस्ट (रोमानिया) और बुडापेस्ट (हंगरी) के लिए B787 विमानों से उड़ानों का संचालन करेगी. क्योंकि फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ये विशेष सरकारी चार्टर उड़ानें हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसकी टीमों को हंगरी में ज़ाहोनी सीमा चौकी, पोलैंड में क्राकोविएक सीमा, स्लोवाक गणराज्य में विसने नेमेके और रोमानिया में सुसेवा सीमा पर पहले ही भेजा दिया गया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन, रूस और इन चारों पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों से इस बारे में बात की है. सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव और चेर्नित्सि शहरों में भी अपने कैम्प ऑफिस खोले हैं. ताकि भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में भेजा जा सके. भारत सरकार रूसी भाषा जानने वाले अधिकारियों को इन कैम्प ऑफिसों में भेज रही है.