दो दिनों से बारिश अपना रंग दिखा रहा है जिससे शहर पूरी तरह से नारकीय हो गया है। सड़कें हो या गली-मोहल्ले बारिश के पानी में डूब गए है। निचले इलाके टापू बन गए है जिससे लोग घरों में कैद हो गए है। शहर के एक दर्जन स्कूलों में बारिश का पानी जमा होने के कारण पठन-पाठन ठप हो गया है। वहां एमडीडीएम कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों में जलजमाव होने के कारण छात्र-छात्रओं को पानी से होकर गुजरना पड़ा। पानी लगने के कारण जुब्बा सहनी पार्क दूसरे दिन भी नहीं खुला। पार्क में पानी जमा होने के कारण पौधों को नुकसान पहुंच रहा है।
मोतीझील व जवाहर लाल रोड बना तालाब: शहर के दो प्रमुख बाजार पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गए है। सड़क पर दो से तीन फीट पानी जमा है। पानी लोगों के दुकान में प्रवेश कर गया है। पानी लगने के कारण बाजार में अघोषित बंदी रही है। कुछ दुकान खुले लेकिन वहां तक ग्राहक नहीं पहुंच पाए। यही हाल इस्लामपुर, धर्मशाला चौक, सुतापट्टी, स्टेशन रोड, तिलक मैदान रोड, क्लब रोड, चर्च रोड, चैपमैन स्कूल रोड, ओरियंट क्लब मैदान रोड में भारी जलजमाव है।
टापू बने मोहल्ले, घरों में घुसा पानी: बारिश के पानी के कारण शहर के कई मोहल्ले टापू बन गए है। लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है। कालीबारी रोड, गोला बांध रोड, पंकज मार्केट रोड, रज्जू साल लेन, सिकंदरपुर, बालूघाट, पड़ाव पाोखर रोड आदि पानी में डूबे हुए है। लोगों घरों से नहीं निकल पा रहे है। बच्चे एवं महिलाएं घरों में कैद हो गई है। जिन घरों में पानी प्रवेश कर गया है उनको चौकी पर बैठक पानी घटने का इंतजार करना पड़ा रहा है।
बंद हो रहे वाहन, घायल हो रहे लोग
जलजमाव के बीच से होकर जाने वाल खराब हो रहे है। मोटरसाइकिल सवारों के सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
सफाई कार्य प्रभावित नारकीय हालात
बारिश के पानी के कारण सड़क एवं नाला एक हो गए है। डं¨पग स्थलों पर जमा कचरा पानी में फैल गया है। बारिश के कारण दो दिनों से शहर की सफाई नहीं हो पाई है। इससे हालात नारकीय हो गए है। सड़क पर जमा पानी के साथ नाले की गंदगी एवं कचरा तैर रहा है।
जलजमाव से निपटने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सफाई कार्य से जुड़े पदाधिकारी शहर भ्रमण कर जाम नाले को खोल रहे हैं। आम जनता का परेशानी नहीं हो इसके लिए सफाईकर्मी पूरी तत्परता से लगे हैं।
-विशाल आनंद, अपर नगर आयुक्त
2 से तीन फीट पानी जमा है अधिकतर सड़कों पर
बारिश बारिश एवं शहर में जलजमाव को देखते हुए नगर निगम नाले के सभी आउटलेटों पर सतत निगरानी रखेगा ताकि बहाव अवरुद्ध नहीं हो। वहीं बारिश के बाद महामारी से बचाव को जलजमाव वाले क्षेत्रों में एंटी लार्वल स्प्रे, चूना, ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाएगा। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी, सिटी मैनेजर ओम प्रकाश एवं बहलखाना प्रभारी राम लखन सिंह को इस आशय का निर्देश जारी किया है। निगम बोर्ड की बैठक स्थगित : महापौर सुरेश कुमार ने एक बार फिर 30 सितंबर को होने वाली नगर निगम बोर्ड की बैठक को स्थगित कर दी है।
नाले के सभी आउटलेट की होगी सतत निगरानी
जलजमाव से शहरवासियों का जीवन हुआ नारकीय स्कूल, कॉलेज, पार्क, कार्यालयों में लगा पानी, पठन-पाठन भी प्रभावित
सितंबर में हो रही बारिश से पांच साल पुराना सर्वाधिक वर्षा का रिकॉर्ड टूट गया है। भारी वर्षा को लेकर शनिवार को रेड अलर्ट है। वहीं, 29 व 30 को ओरेंज अलर्ट है। शुक्रवार को भी दिन में झमाझम बारिश हुई। वहीं, दिनभर रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला चलता रहा। सितंबर में सामान्य वर्षा का मानक 208 मिमी है। वर्ष 2016 में 228 मिमी वर्षा हुई थी। 27 सितंबर तक 230 मिमी बारिश हो चुकी है। अभी दिनभर की बारिश का रिकॉर्ड शनिवार सुबह दर्ज होगा। शुक्रवार को 40 मिमी बारिश हुई है। इधर हो रही लगातार बारिश से अधिकतम तापमान में खासी गिरावट आई है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 5.2 डिग्री कम है। वहीं, न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.5 डिग्री कम है। तापमान में गिरावट से मौसम में ठंड का एहसास होने लगा है। घरों में कूलर चलना बंद हो गए हैं। 28 सितंबर से 1 अक्टूबर की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में मध्यम से घने बादल छाए रहेंगे। चक्रवात के प्रभाव व कम दबाव के क्षेत्र बनने से शनिवार को भारी वर्षा के आसार तराई व मैदानी जिलों में है।
Input : Dainik Jagran