बिहार बोर्ड शुक्रवार को 10वीं (मैट्रिक) का रिजल्ट जारी करने जा रहा है। बीते तीन सालों से बोर्ड रिजल्ट जारी करने में काफी सतर्कता बरत रहा है, लेकिन एक वो भी दौर था, जब रूबी राय जैसे विद्यार्थी कॉपियों में ‘तुलसीदास प्रमाण’ व फिल्मी गाने लिखकर टॉपर बन जाया करते थे। जी हां, जब भी बिहार बोर्ड कोई रिजल्ट जारी करता है, रूबी राय की याद जरूर आती है।
टॉप करने के बाद मीडिया से बातचीत में खुल गई पोल
सवाल यह कि आखिर कौन है रूबी? साल 2016 में बिहार बोर्ड ने जब 12वीं (इंटरमीडिएट) का रिजल्ट जारी किया तो उसमें आर्ट्स टॉपर रूबी राय से मीडिया ने बातचीत की। बातचीत में उसने ‘प्रोडिकल साइंस’ (पॉलिटिकल साइंस) विषय के साथ परीक्षा देने की बात कही। साथ ही बताया कि उस विषय में ‘खाना बनाने की पढ़ाई’ होती है। इसके बाद बोर्ड के टॉपरों पर सवाल उठे। रूबी का नाम ‘प्रोडिकल गर्ल’ पड़ गया।
सीएम नीतीश ने बनाई जांच कमेटी, पुलिस जांच भी शुरू
मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच कमेटी बना दी। पुलिस जांच भी शुरू हुई। धीरे-धीरे परीक्षा व रिजल्ट में भ्रष्टाचार की परतें उतरतीं चली गईं।
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष सहित कई सफेदपोश गिरफ्तार
रूबी राय ने वैशाली जिला के एक कॉलेज से परीक्षा दी थी। उसके कॉलेज का प्रिंसिपल बच्चा राय लंबे समय से चल रहे रिजल्ट घोटाले का मास्टरमाइंड निकला। उसके तार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेशवर प्रसाद तक से जुड़े निकले। घटना की जांच के जुटे विशेष पुलिस दल (एसआइटी) ने घाेटाले की परतें उतार कर रख दीं। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सहित कई सफेदपोश गिरफ्तार कर लिए गए।
कॉपियों में लिखे थे ‘तुलसीदास प्रणाम’ व फिल्मी गाने
आर्ट्स टॉपर रूबी राय को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि उसकी कॉपियां किसी और ने लिखी थीं। रूबी तो परीक्षा हॉल में मिली कॉपियाें में प्रश्नों के उत्तर के बदले ‘तुलसीदास प्रणाम’ तथा 101 फिल्मी गाने आदि लिख डाले थे।
रिव्यू टेस्ट ले रिजल्ट किए रद, पास तक नहीं हुए टॉपर
खैर, घोटाले के उजागर होने के बाद बोर्ड ने सभी टॉपस को रिव्यू टेस्ट के लिए पहले बुलाया। एक्सपर्ट कमेटी ने सभी टॉपर्स के ज्ञान की जांच की, जिसमें रूबी सहित कई टॉपर फेल कर गए। बोर्ड ने उनके रिजल्ट रद कर दिए। देश के किसी भी परीक्षा बोर्ड के इतिहास में यह पहला मामला था, जब उसने अपने टॉपर्स को पास होने के लायक भी नहीं पाकर उनके रिजल्ट रद कर दिए।
अब होतीं कदाचार रहित परीक्षाएं, समय पर रिजल्ट
घोटाले के कारण हुई छीछालेदर के बाद नीतीश सरकार ने पटना के तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को बिहार बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया। उन्होंने बोर्ड में कई बड़े सुधार किए। इन प्रयासों का असर साल 2018 से सामने आने लगा। इसी की परिणाम है कि अब कदाचार रहित परीक्षाएं हो रही हैं। रिजल्ट भी समय पर जारी हो रहे हैं।
धीरे-धीरे अपनी नई पहचान गढ़ रहा बिहार बोर्ड
बहरहाल, बिहार बोर्ड अब धीरे-धीरे अपनी नई पहचान गढ़ रहा है। अब परीक्षा में कदाचार व घोटाले की बात नहीं होती। साथ ही यह देश में सबसे पहले रिजल्ट जारी करने वाला बोर्ड भी बन गया है।
Input : Dainik Jagran