बिहार में भारी बारिश के बाद जलजमाव और बाढ़ की वजह से ना’रकीय जीवन जी रहे लोगों को अभी राहत नहीं मिल पा रही है। पीडि़तों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन भले ही पूरी ताकत से लगा हो, लेकिन तीन दिन बाद भी स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं। सबसे बुरी स्थिति भागलपुर और पटना की है। भागलपुर के 265 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। पटना नगर के जल-जमाव वाले इलाकों में तो अब महा’मारी का ख’तरा मंड’राता दिख रहा है।

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भारी बारिश, बाढ़ व जल-जमाव की आपदा की चपेट में बिहार के 97 प्रखंडों के 786 गांवों की 17.09 लाख आबादी आई है। पटना, भागलपुर, भोजपुर, नवादा, नालंदा, खगडिय़ा, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद, अरवल और दरभंगा मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं। अब तक 42 लोगों मारे जाने और नौ के घायल होने की सूचना है।

– पटना में महामारी की आशंका को देखते हुए फॉगिंग के साथ व्‍लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। फूड पैकेट्स में हैलोजन टैबलेट्स भी दिए जा रहे हैं। दो मेडिकल मोबाइल यूनिट भी लगाए गए हैं।

– मौसम विभाग ने पहले जारी हल्‍की बारिश के अलर्ट में किया बदलाव। पटना सहित मध्‍य बिहार के कई जिलों में भारी बरिश का अलर्ट। पटना, बेगूसराय, खगडि़या, वैशाली व समस्‍तीपुर में भारी बारिश की आशंका।

– पुनपुन नदी का जलस्तर में हो रही है वृद्धि। रिंग बांध टूटा, पुनपुन मुख्य बाजार सहित आसपास के इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी। जीवन अस्त-व्‍यस्‍त। राहत-बचाव कार्य नहीं होनें से लोगों में आक्रोश।

 

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