बॉयलर ब्लास्ट में मरे पांच मजदूरों के आश्रितों को मुआवजा राशि सौंपने के लिए स्नैक्स फैक्ट्री संचालक की ओर से सोमवार को श्रम संसाधन विभाग को 28 लाख रुपये का बैंक ड्राफ्ट सौंपा गया। फैक्ट्री संचालक विकास मोदी के अधिवक्ता ने उप श्रमायुक्त अरुण श्रीवास्तव को 28 लाख रुपये का ड्राफ्ट सौंपा। शेष करीब 41 लाख रुपये सौंपने के लिए अधिवक्ता ने उप श्रमायुक्त से एक माह की समय की मांग की। इसपर है। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
फैक्ट्री संचालक की ओर से सौंपी गई राशि स्नैक्स फैक्ट्री में बॉयलर फटने से मरे मुशहरी के सलहा निवासी विनोद राय, छपरा मेघ के संदीप कुमार, सकरा के पिलखी निवासी अमरनाथ साह, कुढ़नी के जमहरुआ निवासी अजीत कुमार व सारण जिला के एकमा के खजुहल देवपुरा निवासी ललन यादव के आश्रितों के बीच बांटी जाएगी। बीते शुक्रवार को उप श्रमायुक्त ने कर्मकार प्रतिकर अधिनियम के तहत स्नैक्स फैक्ट्री में मरे पांच मजदूरों के आश्रितों के लिए मुआवजा राशि निधारित की थी। उन्होंने 58 लाख 86 हजार 600 रुपये मुआवजा राशि निर्धारित की थी। सबसे अधिक संदीप कुमार के आश्रित को कुल 15 लाख 12 हजार 480 रुपये सौंपी जाएगी। वहीं, सबसे कम राशि विनोद राय के आश्रितों को नौ लाख 60 हजार सात सौ रुपये सौंपी जाएगी। अधिक उम्र व कम अंतिम वेतन वाले मजदूरों के आश्रितों को कम मुआवजा राशि के निर्धारण का प्रावधान है। 26 दिसंबर की सुबह मेटेनेंस के दौरान बेला औद्योगिक क्षेत्र के फेज टू स्थित स्नैक्स फैक्ट्री में बॉयलर फटने से कुल सात मजदूरों की मौत हो गई थी। इसमें से दो मजदूर बगल के चूड़ा मिल में कार्यरत थे। दो मजदूरों के आश्रितों को चूड़ा मिल संचालक से राशि वसूल कर सौंपी जाएगी।
डेढ़ माह में भी आरोपितों की नहीं हो सकी गिरफ्तारी : घटना के करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस फैक्ट्री संचालक विकास मोदी, उनकी पत्नी श्वेता मोदी, मैनेजर आदि को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पांचों नामजद आरोपितों के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट से बीते दस जनवरी को वारंट जारी हो चुका है। वारंट के बाद पुलिस सभी के घरों की कुर्की के लिए साक्ष्य जुटा रही है।
Source : Hindustan