भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि दो क्लासमेट, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय सेना और नौसेना के प्रमुख होंगे। ये दोनों मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे हैं और 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं कक्षा में एक साथ पढ़ते थे।
दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आसपास थे। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। स्कूल के दिनों से ही दोनों काफी अच्छे दोस्त हैं और सेना के अलग-अलग अंगों में होने के बावजूद वे हमेशा संपर्क में रहते हैं।
दोनों अधिकारियों की नियुक्तियां भी लगभग दो महीने के अंतर पर हुई हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने 1 मई को भारतीय नौसेना की कमान संभाली थी, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30 जून, 2024 को अपना नया पदभार ग्रहण करेंगे।
वर्तमान में उप सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे, जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। सेना के उप प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 2022 से 2024 तक उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) थे।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर (J&K) राइफल्स में कमीशन दिया गया था और उन्होंने इस यूनिट की कमान भी संभाली। उत्तरी सेना कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित किया और उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निगरानी प्रदान की।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्हें यू.एस. आर्मी वॉर कॉलेज, कार्लिस्ले, यू.एस.ए. में नेशनल डिफेंस कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया गया है। उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल. के अलावा सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।
भारतीय सेना और नौसेना के लिए यह एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण पल है कि दो पुराने दोस्त और सहपाठी देश की रक्षा के शीर्ष पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।