हाल तक कश्मीर घाटी में कोई भी परिवार 15 अगस्त के करीब शादी आयोजित करने की कल्पना भी नहीं करता था क्योंकि 1990 से इस तारीख को अलगाववादी कैलेंडर में काले दिन के रूप में चिह्नित किया गया था लेकिन तीन दशकों के संघर्ष में पहली बार कश्मीर घाटी में निकाह, वलीमा और अन्य पारिवारिक समारोहों का दौर चल पड़ा है।

कश्मीर ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 और 15 अगस्त के आसपास कश्मीर घाटी में कई शादी समारोह आयोजित किए गए हैं। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चारूरा इलाके के सुरसियार के निवासी सज्जाद अहमद डार ने कहा, “चूंकि स्थिति शांतिपूर्ण है, इसलिए हमने चचेरे भाई की शादी की तारीख 14 और 15 अगस्त रखने का फैसला किया और अल्लाह का शुक्र है कि सब कुछ इतनी आसानी से हो गया।” डार ने बताया कि इस दिन उनके इलाके में कम से कम चार विवाह समारोह हुए।

कश्मीर में शांति बहाली और बदली फिजा के बीच 15 अगस्त के आसपास कई लोग अपने परिवार के साथ दिन बिताने के लिए ग्रामीण इलाकों में भी गए। पहलगाम, दूधपथरी और गुलमर्ग जैसे विभिन्न हेल्थ रिसॉर्ट 15 अगस्त (मंगलवार को) लोगों से भर गए। सैन्य नियंत्रण रेखा पर स्थित केरन, जो रहले भयावह स्थानों के लिए कुख्यात था इन दिनों स्थानीय और बाहरी लोगों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बन गया है।

बता दें कि 90 के दशक की शुरुआत में उग्रवाद फैलने के बाद पहली बार, श्रीनगर में मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में लोगों की बड़े पैमाने पर भागीदारी देखी गई। हजारों कश्मीरी श्रीनगर के बक्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। स्टेडियम के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई थीं। लोगों में जश्न-ए-आजादी में शरीक होने का एक जुनून देखा गया।

प्राधिकारियों ने आतंकवादी खतरे के मद्देनजर पूर्व में लोगों की आवाजाही पर लगायी पाबंदियों में ढील दी जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकले। श्रीनगर के 15 लाख निवासियों के लिए यह काफी हैरान करने वाला था कि उन्हें कोई कंटीली तारें या अवरोधक देखने को नहीं मिले जिन्हें कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के कारण लगाया जाता था। ऐसे में राष्ट्रध्वज लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बक्शी स्टेडियम में पहुंचे।

वर्ष 2003 के बाद से ऐसा पहली बार है, जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए स्टेडियम में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। 2003 में अनुमानित 20,000 लोगों ने परेड देखी थी। सूत्रों ने बताया कि करीब 10,000 लोग समारोह देखने पहुंचे थे। इस मौके पर लोग खुश दिखे और उन्हें सेल्फी लेते हुए देखा गया। शहर में कई स्कूल सुबह-सुबह ध्वजारोहण समारोह के लिए खुले जबकि दुकानें भी खुली दिखायी दी।

अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। शहर के ज्यादातर हिस्सों में वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएं भी लगातार तीसरी बार अबाधित रहीं जबकि 15 अगस्त और 26 जनवरी को ये सेवाएं निलंबित रहती थीं।

Source : Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD