नई दिल्ली: निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों में से दो लोगों की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज़ होने के बाद तिहाड़ में बंद मुकेश ने राष्ट्रपति के पास तिहाड़ के ज़रिए मर्सी पेटिशन लगा दी है. इसी बीच हमें तिहाड़ जेल के सूत्रों से पता चला कि निर्भया (Nirbhaya) केस के सभी दोषियों में जेल के नियम तोड़ने की वजह से अक्षय को एक बार सजा मिली है. मुकेश को नियम तोड़ने पर 3 बार जबकि पवन को आठ बार और सबसे ज्यादा विनय को ग्यारह बार सज़ा मिली है.
ये सज़ा किसी को गाली देने, जेलर के आने पर खड़े ना होने, तम्बाकू या किसी के साथ मारपीट करने और कई वजहों से मिलती है. सजा के तौर पर दोषियों से उनको जेल में मिलने वाली सहूलियतें वापस ले ली जाती है. मसलन, जेल कैंटीन और परिवार से मिलनी को रोक दिया जाता है.
किसी भी कैदी को उसके आचरण की वजह से सजा देने की जानकारी बाकायदा सेशन कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाती है और उसकी अनुमति के बाद ही कुछ समय तक उसको सजा दी जाती है. जबकि सज़ा काटने के दौरान अक्षय को अधिकतम वेतन 69,000 रुपए मिला है, विनय ने 39,000 रुपए और पवन ने 29,000 रुपए कमाए हैं. जबकि मुकेश ने कोई श्रम नहीं करना चुना, जेल में सज़ा काटने के दौरान मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016 में कक्षा 10वीं क्लास पास करने के लिए लिया एडमिशन लिया था. ये लोग परीक्षा में भी उपस्थित हुए, लेकिन पास नहीं हो सके.
2015 में, विनय ने एक वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश लिया, लेकिन वह पूरा नहीं कर सका. अक्षय की पत्नी अक्षय से आखिरी बार नवंबर में मिलने आए थी. फांसी की तारीख को अंतिम रूप देने के बाद, कोई भी उनसे मिलने नहीं आया. वह नियमित रूप से अपनी पत्नी से फोन पर बात करता है.
Input : Zee News