हरियाणा के पांच विधायकों और कई व्यवसायियों से रंगदारी मांगने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग के उत्तर बिहार में बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
कनाडा में बैठा भारत से फरार गैंगस्टर गोल्डी बरार व तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क की जानकारी होते ही पुलिस मुख्यालय इसमें सक्रिय हो गया है। इस गिरोह से जुड़े हुए तीन युवकों को हरियाणा एसटीएफ मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। वहीं, गिरोह के अन्य शातिरों के संबंध में गोपनीय स्तर पर बिहार पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
पुलिस मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंतकांत से गोल्डी बरार-लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े शातिरों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
हरियाणा के कांग्रेस विधायक से पांच करोड़ की रंगदारी मामले में मुजफ्फरपुर के कांटी के पोखरैरा निवासी सनोज कुमार, गोपालगंज के राधेश्याम उर्फ अमित और सादिक अनवर को गिरफ्तार किया गया था। हरियाणा भेजे जाने से पहले दो दिनों तक शातिरों से एसएसपी जयंतकांत, नगर डीएसपी रामनरेश पासवान और अन्य पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की थी। इसमें जिला पुलिस को गोल्डी बरार के रंगदारी, साइबर फ्रॉड और हवाला गैंग के उत्तर बिहार में सक्रिय होने की जानकारी मिली। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार शातिरों से हरियाणा में पूछताछ के बाद सारी जानकारी हरियाणा एसटीएफ से ली जाएगी। इसके बाद ही आगे कुछ बताया जा सकेगा।
दुबई व पाक के वर्चुअचल नंबर से मांगी थी रंगदारी
हरियाणा पुलिस ने मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार तीनों शातिरों के संबंध में सदर थाने में लिखित ब्योरा दिया था। इसमें सोनीपत के अमित कुमार से गोल्डी बरार के नाम पर रंगदारी मांगने का हवाला दिया गया है। रंगदारी के कॉल दुबई और पाकिस्तान के वर्चुअल नंबर से किए गए थे। बीते 28 जुलाई को सोनीपत के सेक्टर-27 थाने में अमित की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
हरियाणा पुलिस की रिमांड पर दबोचे गये शातिर
गुरुग्राम। हरियाणा के विधायकों को धमकी भरे फोन कर रंगदारी मांगने के लिए फोन पाकिस्तान से किए गए थे। रविवार को एसटीएफ के आईजी सतीश बालन ने बताया कि दो आरोपियों को मुंबई और चार आरोपियों को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में एसटीएफ को पता चला है कि आरोपियों के नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़े हैं। इनके पास से 24 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड देश और विदेश के नंबरों के, 73 बैंक एटीएम कार्ड, बैंक खातों की 24 पासबुक, तीन डायरी और एक कार बरामद की है। सभी छह आरोपी आठ-आठ दिन की रिमांड पर हैं।
पुलिस के अनुसार, गैंग के गुर्गे बिहार, मुंबई, राजस्थान, दिल्ली, कोलकाता के अलावा पाकिस्तान व दुबई तक फैले हैं। बड़े राजनेता या व्यवसायियों से वसूली गई फिरौती व रंगदारी के रुपये सैकड़ों खातों में ट्रांसफर कर पुलिस की नजर से बचा लेते हैं। बाद में सारे रुपये निकासी कर मुंबई तक पहुंचाए जाते हैं। इसके लिए शातिरों को 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है। गोल्डी बरार कनाडा से सोशल नेटवर्क के जरिये भारत में अपने गैंग का संचालन कर रहा है।
Source : Hindustan