सूरत में एक छात्र मंदिर में दर्शन के लिए डुमस समुद्र तट पर गया था। लखन नाम का यह बच्चा गणेश मूर्तियों के हो रहे विसर्जन को देखने के लिए समुद्र तक पहुंच गया और गहरे पानी तक चला गया। परिवार के लोग उसे अगले दिन तक ढूंढ़ते रहे, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। सबने समझ लिया कि अब वह जिंदा नहीं बचा। लेकिन इसके बाद चमत्कार हुआ और बच्चा जिंदा घर लौट आया।
14 વર્ષનો લખન દેવીપૂજક શુક્રવારે મિત્રો સાથે ડુમસનાં દરિયાનાં ન્હાતી વખતે તણાઇ ગયો હતો, દરિયામાં લખનનાં હાથમાં એક લાકડું આવી જતા એ લાકડાનાં સહારે દરિયામાં તરતો રહ્યો અને 24 કલાક બાદ ગણદેવીનાં ભાટગામનાં દરિયામાંથી સલામત રીતે મળી આવ્યો.
આજે લખનની હોસ્પિટલમાં મુલાકાત લીધી, એની… pic.twitter.com/FojjIixaoY
— C R Paatil (@CRPaatil) October 1, 2023
सौभाग्य से लखन को गहरे समुद्र में विसर्जित किए गए गणेश मूर्ति का सहारा मिला। वह समुद्र में 24 घंटे तक मूर्ति को पकड़े रहा। तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर वह समुद्र में लहरा रहा था। तभी वहां से मछली पकड़ने वाली नाव ‘नवदुर्गा’ गुजरी। लखन ने आवाज लगाई और हाथ हिलाया, जिसे देखकर मछुवारे तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने लखन को नाव में बिठा लिया।
लाखन को नवसारी के धोआली बंदरगाह पर लाया गया। तट पर पहुंचने से पहले पुलिस को सूचना दी गई। नाव के पहुंचने से पहले वहां एंबुलेंस पहुंच गई थी। पुलिस के मुताबिक 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिला। परिवार को जब इसकी सूचना दी गई तो मातम मना रहे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। बच्चे को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में बच्चे को देखने के लिए भीड़ जुट गई। गुजरात भाजपा अध्यक्ष और सांसद सीआर पाटिल भी उसका हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे। पाटिल ने लखन से कहा कि उसे मिली नई जिंदगी का वह अच्छा इस्तेमाल करे और पढ़-लिखकर डॉक्टर बने। पाटिल ने मीडिया से कहा कि वह भी इस बात से हैरान हैं कि एक छोटा बच्चा समुद्र में इतने देर तक गणेश मूर्ति के अवशेष के सहारे लटका रहा और डूबने से बच गया।
Source : Hindustan