इंसान अगर चाह ले तो क्या नहीं कर सकता। यह बात समय—समय पर बिहार की बेटियों ने साबित कर दिखाया है। कभी आईएएस टॉपर बनकर तो कभी राजनीति में परचम लहराकर। ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर से आ रही है। दैनिक भास्कर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बालिका गृह कांड के बाद जिन लड़कियों को शेल्टर होम से निकाल दिया गया था उनमें से कई लड़कियों ने नया इतिहास रच दिया है।
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से निकाली गईं लड़कियों को फाइव स्टार होटल में लाखों के पैकेज पर मिली जॉब
मुजफ्फरपुर का शेल्टर होम नहीं, स्लॉटर हाउस था। हर दिन जानवरों की तरह हमसे बर्ताव होता था। एक दिन सरकार और लोगों का साथ मिला, तो वहां से निकले । आज नौकरी मिली, तो एहसास हुआ कि जिंदगी क्या होती है? यह कहते हुए अनीता (बदला नाम) अपने बचपन में लौट जाती है। कहती है, अनाथ थी। अनाथालय में रही। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहते हुए सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटीशियन का कोर्स कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी।…लेकिन सपना चूर-चूर हो गया। जिंदगी भारी लगने लगी थी। मेरी जैसी दूसरी बच्चियों ने वहां से निकलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।
दर्द ऐसा: लड़कियां बेहद डरी थीं…2 साल लगातार काउंसिंलिग के बाद हुईं सामान्य
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद बोले-मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से निकलने के बाद लड़कियां डिप्रेशन मेें थीं। लगातार दो साल तक उनकी काउंसलिंग की गई। कई बार मैंने खुद समझाया। काफी प्रयास के बाद सफलता मिली। बेंगलुरु के एक इंस्टीट्यूट में होटल मैनेजमेंट करने के दौरान ही 14 में 10 लड़कियों का फाइव स्टार होटल में प्लेसमेंट हो गया है। चार की उम्र कम है। 18 साल पूरा होते ही उनका भी प्लेसमेंट हो जाएगा। बची हुई बच्चियों को भी उनकी योग्यता के मुताबिक कोर्स कराया जाएगा। निदेशक राज कुमार ने बताया कि लड़कियों की अंग्रेजी पर भी अच्छी पकड़ हो गई है। अब वे विदेशियों से भी बेझिझक बात कर सकती है। 30 और बच्चियों को भी कोर्स के लिए भेजने की तैयारी है।
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