लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पर बीते चार महीनों से तनाव बरकरार है. चीन की चालबाजियों से पूरा विश्व वाकिफ है. ऐसे में कई बड़े और अहम देश मसलन कि अमेरिका (US), ब्रिटेन (UK), जापान (Japan) और ऑस्ट्रेलिया (Austrailia) आदि भी भारत के साथ खड़े हैं. आलम यह है कि दक्षिण एशिया (South Asia) में भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बन रहा है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने गुरुवार को बताया कि एप्पल (Apple) की आठ कंपनियां चीन को छोड़कर भारत (India) में आ चुकी हैं. प्रसाद ने बताया कि भारत उत्पादन का हब बन रहा है.
Shows fast decision making by @narendramodi Govt. India remains a trustworthy electronics manufacturing hub. It will create lakhs of jobs & promote ancillary industry. Great to see leading companies including manufacturers of Apple are relocating to India.https://t.co/YRatyuqmAj
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) September 7, 2020
प्रसाद ने बिहार के एनआरआई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में बताया कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया है. प्रसाद ने कहा कि भारत बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है और ग्लोबल मैन्युफैक्चरर इकोसिस्टम यह महसूस कर रहा है कि इसे चीन के अलावा अन्य स्थानों पर भी होना चाहिए. मुझे जानकारी मिली है कि एप्पल अपनी लगभग 8 फैक्ट्रीज को चीन से भारत में स्थानांतरित कर चुका है.
Shows fast decision making by @narendramodi Govt. India remains a trustworthy electronics manufacturing hub. It will create lakhs of jobs & promote ancillary industry. Great to see leading companies including manufacturers of Apple are relocating to India.https://t.co/YRatyuqmAj
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) September 7, 2020
प्रसाद ने आगे कहा कि जब लद्दाख में चीन के साथ कुछ होता है तो हमारे प्रधानमंत्री हमेशा दृढ़ता से खड़े रहे और हमेशा यही बात कही कि भारत कभी भी अपनी संप्रभुता से कोई भी समझौता नहीं करेगा. भारत के इस साहसिक रुख पर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और अमेरिका ने भी साथ दिया.
भारत और चीन के बीच बढ़ रहा है तनाव
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) स्थित पैंगोंग (Pangong) झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है. चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है.
When something happened with China in Ladakh, our PM stood firmly & made it very clear that India shall not compromise on its sovereignty. This bold stand of India is being globally recognised from US, UK & Japan to Australia: Union Minister & Patna Sahib MP RS Prasad (06.09) https://t.co/GaDgwPTMYC
— ANI (@ANI) September 6, 2020
चीन द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने की कोशिश के मद्देनजर भारत ने इलाके में अपनी सैन्य उपस्थिति और बढ़ा दी है.
उल्लेखनीय है कि 15 जून को दोनों देशों के बीच तनाव कई गुना तब बढ़ गया था जब भारत और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई और भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. चीन की ओर से झड़प में हताहतों की जानकारी नहीं दी गई है लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक गलवान झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए. (भाषा के इनपुट सहित)
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