पटना। बिहार की सभी पंचायतों में सुधा बिक्री केंद्र खुलेंगे। यहां पैकेटबंद दूध और दुग्ध उत्पाद उपलब्ध होंगे। बिहार राज्य मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
कॉम्फेड अपने विपणन तंत्र का विस्तार कर रहा है। इसके तहत पंचायत स्तर तक पैकेटबंद दूध मिलेंगे। अभी सुधा दूध के बूथ जिला और प्रखंड मुख्यालय स्तर तक ही सीमित हैं। कॉम्फेड का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में खुदरा विक्रेताओं की संख्या बढ़ाकर 56 हजार करने की है। वर्तमान में सुधा दूध के करीब 28 हजार खुदरा विक्रेता हैं। बिहार की पंचायतों के अलावा झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में भी सुधा बिक्री केंद्र खोले जाएंगे। वर्तमान में पैकेटबंद दूध की खपत 17.77 लाख किलो प्रतिदिन है। बिक्री केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही पैकेटबंद दूध की खपत 27 लाख किलो प्रतिदिन करने की योजना है। इससे दूध संग्रह और खपत के अनुपात में सुधार भी होगा। पंचायत स्तर तक सुधा बिक्री केंद्र खोलने से पहले दूध का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए इस संबंध में प्रयास जारी है। हाल के दिनों में दूध का संग्रह बढ़ा भी है। इस वर्ष जुलाई में रोजाना संग्रह 25 लाख किलो तक पहुंच गया है। इसके बाद अब निर्यात करने के साथ ही घरेलू खपत भी बढ़ाई जाएगी।
मिलेगा रोजगार
बूथों की संख्या बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। अगले पांच वर्ष में तीस हजार युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसे अलावा दुग्ध संग्रह बढ़ने और दुग्ध समितियों के गठन से भी युवाओं को रोजगार मिलेगा।
उत्पादक भी होंगे शामिल
कॉम्फेड ने विपणन तंत्र का विस्तार करते हुए दुग्ध उत्पादकों को भी इससे जोड़ने का निर्णय लिया है। करीब पौने दो लाख दुग्ध उत्पादकों को इसमें शामिल किया जाएगा। 5750 नई दुग्ध समितियों की स्थापना की जाएगी। करीब 31 हजार स्वचालित दुग्ध संग्रहण इकाइयां गठित की जाएंगी। 4500 दुग्ध समितियों को सक्रिय किया जाएगा।
पुरानी डेयरियों को सुदृढ़ किया जा रहा
पंचायतों तक बिक्री केंद्र खोलने के लिए कॉम्फेड अपने संसाधन भी बढ़ा रहा है, ताकि दूध ज्यादा देर तक टिक सके। इसके लिए पैकिंग में सुधार और कोल्ड चेन स्थापित की जा रही है। नई पैकिंग मशीन लगाई जा रही है। नए डेयरी संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। पुरानी डेयरी को सुदृढ़ किया जा रहा है। डेयरी संयंत्र की क्षमता बढ़ाकर 40 लाख लीटर रोजाना से 51 लाख लीटर रोजाना की जाएगी।
Source : Hindustan