कर्नाटक के बेलगावी जिले के भिंमगढ़ जंगल में बिहार का एक परिवार छुट्टियों के दौरान फंस गया। यह हादसा तब हुआ जब परिवार गूगल मैप्स की दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए गोवा जा रहा था। रंजीत दास और उनके परिवार को शिरोली और हेम्मडगा क्षेत्रों से होकर जाने का सुझाव मिला, लेकिन मैप्स की गलती ने उन्हें घने जंगल में 7-8 किलोमीटर अंदर तक पहुंचा दिया। यह घटना 4 दिसंबर की रात को हुई।

मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण परिवार जंगल में फंस गया और किसी की मदद नहीं ले सका। परिवार को पूरी रात अपनी गाड़ी में बितानी पड़ी। अगले दिन सुबह रंजीत दास ने करीब चार किलोमीटर पैदल चलकर मोबाइल नेटवर्क की तलाश की।

नेटवर्क मिलने पर उन्होंने आपातकालीन नंबर 112 पर संपर्क किया। बेलगावी पुलिस कंट्रोल रूम ने यह जानकारी खानापुर पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने गांववालों की मदद से जीपीएस लोकेशन के जरिए परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला।

खानापुर पुलिस निरीक्षक मंजुनाथ नायक ने बताया कि भिंमगढ़ का यह जंगल विभिन्न प्रकार के जंगली जीवों का घर है। हाल ही में यहां एक भालू के हमले में एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया था।

गूगल मैप्स पर सवाल पहले भी उठ चुके हैं। नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश में गूगल मैप्स की गलती के कारण तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। उनकी कार एक अधूरे पुल से नदी में गिर गई थी। वहीं, अगस्त 2024 में एक यात्री अपनी फ्लाइट मिस कर गया क्योंकि गूगल मैप्स ने सफर का गलत समय बताया।

इस घटना से यह साफ होता है कि अनजान क्षेत्रों में गूगल मैप्स पर पूरी तरह निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। यात्रियों को सतर्क रहकर वैकल्पिक उपायों पर भी ध्यान देना चाहिए।

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