गूगल पे (Google Pay) ने कहा है कि आरबीआई, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और एनपीसीआई, यानी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के दिशानिर्देशों के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार उसके मंच के जरिये किये जाने वाले लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हैं. गूगल पे का यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर इस चर्चा के बाद आया कि उसके माध्यम से धन हस्तांतरण विधि सम्मत नहीं है, क्योंकि यह अनधिकृत ऐप है.

गूगल (Google) के एक प्रवक्ता ने कहा, सोशल मीडिया में कुछ जगह आरबीआई को गलत तरीके से उद्धृत करके यह दावा किया गया है कि गूगल पे के जरिये धन हस्तांतरण करना विधि सम्मत नहीं है, क्योंकि ये ऐप अनधिकृत है. यह गलत है और इसकी सच्चाई एनपीसीआई की वेबसाइट पर पता की जा सकती है. बता दें कि भारत में गूगल पे के लगभग 7 करोड़ एक्टिव मंथली यूजर्स हैं.

Google Pay not a payment system operator, says RBI to HC

गूगल ने कहा है कि आरबीआई ने इस तरह की कोई बात अदालत की सुनवाई में नहीं कही है. इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष ऐप प्रदाता है और किसी भी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है. आरबीआई ने साथ ही कहा कि इसका संचालन 2007 के भुगतान और निबटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं है.

बता दें कि बीते दिनों दिल्ली हाइकोर्ट में वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान आरबीआई ने कहा कि गूगल पे एक थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर है और वह किसी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है.

केंद्रीय बैंक ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि इसलिए इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं होता है.

आरबीआई ने अदालत से यह भी कहा कि गूगल पे किसी भुगतान प्रणाली का संचालन नहीं करता है, इसलिए वह एनपीसीआई की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की सूची में शामिल नहीं है.

याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान ऐप गूगल पे या जीपे (G pay) आरबीआई से अपेक्षित मंजूरियों के बिना वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है.

मिश्रा ने याचिका में दावा किया है कि जीपे भुगतान और निबटान कानून का उल्लंघन कर एक भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि उसके पास इस तरह के कार्यों के लिए देश के केंद्रीय बैंक से कोई वैध अनुमति नहीं है.

इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि यह अन्य थर्ड पार्टी के ऐप को प्रभावित करता है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

Input : Prabhat Khabar

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