सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नफरती भाषण के मामलों में सभी राज्यों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई ऐसा भाषण देता है तो सरकारें बिना किसी शिकायत के ही एफआईआर दर्ज करें।
जस्टिस केएम जोसफ की पीठ ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को गंभीर अपराध बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश के धार्मिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच सकता है। मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी।
पीठ ने कहा -उसका 21 अक्तूबर, 2022 का आदेश तीन राज्यों से आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों के लिए प्रभावी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पहले यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड को निर्देश दिया था कि घृणा फैलाने वाले भाषण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।