सनातन धर्म में शिव-पार्वती के अटूट प्रेम को आधार बनाकर कई व्रतों और त्योहारों की परंपरा बनी है। माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती अपनी पूजा करने वाली सभी सुहागिनों को अटल सुहाग का वरदान देते हैं। बाबा गरीबनाथ मंदिर के पुजारी पंडित विनय पाठक और ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभात मिश्र बताते हैं कि स्वयं मां पार्वती ने एक जन्म में शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव पति रूप में मिले।

हरितालिका तीज को बड़ी तीज के रूप में भी जाना जाता है। सुहागिनें इस व्रत को पूरे उत्साह से करती हैं। यह व्रत बेहद कठिन माना गया है। इस दिन निर्जला रहकर गौरी शंकर की आराधना की जाती है। व्रत के पारण से पूर्व पानी की एक बूंद भी ग्रहण करना वर्जित है। मान्यता है कि तीज व्रत करने से पति की उम्र लंबी और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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इस बारे में बैरिया स्थित जगदंबा नगर के रेखा पाठक ने कहा कि शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की मुश्किलें खत्म होती हैं। हालांकि पारंपरिक रूप से यह पति की लंबी उम्र की कामना के साथ ही मनाया जाता है।

पुरानी धर्मशाला कंपाउंड, पान मंडी, मोतीझील की प्रियंका देवी ने कहा कि महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। पति की मंगल कामना के लिए व्रत कर रही हूं।

Input : Dainik Jagran | Photos by Madhab Kumar

 

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