मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय कार्यालय से मिलने वालें 8 ट्रेनों में 50 एचओ काेटा (High Official Quota) गुरुवार काे सोनपुर मंडल द्वारा वापस ले लिया गया हैं। इस कोटा को छीने जाने के कारण अब कैंसर समेत अन्य बीमारियाें से पीड़ित मरीज या इमरजेंसी में बाहर जाने वाले लाेगाें काे ट्रेनों में मुजफ्फरपुर से बर्थ नहीं मिल सकेगी। आरक्षण पर्यवेक्षक प्रभारी की तरफ से क्षेत्रीय कार्यालय काेटे काे गुरुवार काे समाप्त हाेने की सूचना दी गई। कई लोगाें ने एचओ कोटा के लिए आवेदन भी किया परंतु क्षेत्रीय कार्यालय के तरफ से बर्थ आरक्षित नहीं की गई। वहीं इस मामले में साेनपुर मंडल के डीआरएम नीलमणि ने बताया कि एचओ कोटा अब क्षेत्रीय कार्यालय की जगह मंडल से अलॉटमेंट हाेगा।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर मुजफ्फरपुर विकास मंच ने कड़ी नाराजगी जताई है। विरोध जताते हुए उन्होंने कहा है कि कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियाें से पीड़ित लाेगाें काे इलाज के लिए बाहर जाने काे क्षेत्रीय कार्यालय से आरक्षित बर्थ मिल जाती थी। इसे भी मंडल ने साेनपुर वापस ले लिया। अगर 10 दिनों में सभी एचओ कोटा वापस नहीं मिला तो विकास मंच इसे लेकर धरना-प्रदर्शन और रेल रोको आंदोलन करेगी।
बता दें कि रेलवे में एचओ कोटा का मतलब होता है हेडक्वार्टर कोटा या हाई ऑफिसियल कोटा। यह मूल रूप से उच्च रेलवे अधिकारियों व अन्य वीआईपी व्यक्तियों को आपातकालीन मामलों में बर्थ आवंटन के लिए दिया जाता हैं। परंतु सामान्य व्यक्ति भी इमरजेंसी के लिए इस कोटे का आवेदन कर सकते हैं।यह कोटा उन टिकटों पर लागू किया जा सकता है जो सामान्य कोटा में बुक किए गए हैं लेकिन प्रतीक्षा सूची में हैं।