आज होलिका दहन होगा और कल रंग उत्सव मनाया जाएगा। इस बार होलिका दहन पर कई शुभ योग और दुर्लभ ग्रह स्थिति रहेगी, जिससे अगली होली तक का समय देश के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। इस बार भद्रा दोष की वजह से होलिका दहन शाम की बजाय रात में करना शुभ रहेगा। ग्रंथों में भी कहा गया है कि शाम को अगर भद्रा दोष हो तो रात में होलिका दहन करना चाहिए।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब गजकेसरी, वरिष्ठ और केदार नाम के तीन राजयोग के साथ वसंत ऋतु में गुरुवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होगा। साथ ही फाल्गुन महीने का स्वामी शनि और वसंत ऋतु का स्वामी शुक्र दोनों मित्र हैं और एक ही राशि में रहेंगे। ऐसी स्थिति आज तक कभी नहीं बनी। ये अपने आप में एक दुर्लभ संयोग है। जो 17 मार्च को बन रहा है।
राजयोगों में होलिका दहन देश के लिए शुभ
इन 3 राजयोगों का देश पर शुभ असर होगा। होली के बाद से दीपावली तक बाजार में तेजी रहेगी। बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां बनेंगी। फायदे वाला समय रहेगा। टैक्स वसूली बढ़ सकती है। विदेशी निवेश बढ़ने का योग भी है। देश में बीमारियों का संक्रमण कम होगा। नया रोग भी नहीं आएगा। उद्योग बढ़ेंगे। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को अच्छा समय रहेगा। महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा।
होली पूजा शाम में और दहन रात में
होली पूजन प्रदोष काल यानी शाम को करने का विधान है। इसलिए शाम 6 से 7.30 तक होली की पूजा की जा सकती है। विद्वानों का कहना है कि प्रदोष काल में भद्रा के रहते हुए पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होलिका दहन भद्रा दोष खत्म होने के बाद करना चाहिए। इस बार भद्रा काल दोपहर 1.21 बजे से शुरू होकर रात करीब 1.22 तक रहेगा। इसलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 1.22 से सुबह 6.28 तक रहेगा।
पहले भगवान नृसिंह और आखिरी में होलिका पूजा
सबसे पहले भगवान नृसिंह का ध्यान कर के प्रणाम करें। फिर चंदन, अक्षत और फूल सहित पूजन सामग्री चढ़ाएं। फिर प्रह्लाद का स्मरण करते हुए नमस्कार करें और पूजन सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद होली की पूजा करें। पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह होना चाहिए।