सीतामढ़ी जिले के सिंहवाहिनी की चर्चित मुखिया रितु जयसवाल को केंद्रीय कृषि मंत्री ने उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया। मुखिया के नेतृत्व में थीमेटिक कैटेगरी कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाईजेशन को ध्यान में रखते हुए दिया गया। सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं। खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता, बायो गैस प्लांट का निर्माण, बाढ़ जैसी भीषण आपदा में पंचायत के युवाओं की टीम के द्वारा मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा, बाल विवाह को रोकने के लिए सिलाई सेंटर की स्थापना, सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना, घरेलू हिंसा को रोकने पर ग्रामीण स्तरीय कमेटी के द्वारा किये गए कार्य, विधवाओं को उनका अधिकार दिलाना, आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाना, सामूहिक प्रयास से अतिक्रमण मुक्त करा कर मुख्य सड़क निकालना, मिथिला की परम्परा को संजोए रखने पर कार्य करना, इत्यादि जैसे कार्यों को इस कैटेगरी में सम्मान देने के लिए दिया गया है।

इस पुरस्कार के लिए प्रखण्ड स्तरीय कमिटी के द्वारा पहले गहन पारदर्शी जांच की गई, इसके बाद इसकी रिपोर्ट जिला स्तरीय कमेटी को भेजी गई। फिऱ जिला स्तरीय कमेटी ने वहां किये गए कार्यों की जांच कर राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी गई, जहां से बिहार से कुछ पंचायतों का चयन कर भारत सरकार को बिहार सरकार के द्वारा भेजा गया। इसके बाद केंद्र सरकार से भेजी गई राष्ट्रीय कमेटी के द्वारा स्थल जांच कर उस रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार के द्वारा बिहार राज्य से कुल तीन पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ा गया।

सिंहवाहिनी को इस गौरवपूर्ण सम्मान के मिलने पर मुखिया रितु जयसवाल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्मान सिंहवाहिनी की प्रत्येक आम जनता को समर्पित करती हूं। जिन्होंने सत्य और न्याय की हमारी लड़ाई में हमेशा डट कर मेरा साथ दिया।

दिल्ली में मिले इस सम्मान कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अलावा, के.एस. ईश्वरप्पा, ग्रामीण विकास मंत्री, कर्नाटका सरकार, श्री नबा कुमार डोले, टी.एस. सिंह देव, ग्रामीण विकास मंत्री के अलावा कई अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि देश भर के सभी राज्यों से 246 पंचायत, जिला परिषद एवं पंचायत समिति को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।

 

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