देश में बैंकिंग सुविधाएं बढ़ने के साथ ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक (RBI) ने इनके प्रति सचेत करने के लिए मीडिया में व्यापक स्तर पर बड़ा अभियान शुरू किया है। इसमें आरबीआई, बैंक, कस्टमर्स की जिम्मेदारियों के बारे में बताया जा रहा है। इस तरह के ऐड टीवी, प्रिंट हर जगह नजर आ रहे हैं। हालांकि आरबीआई ऑनलाइन फ्रॉड से होने वाले नुकसान से कस्टमर्स को बचाने के लिए लगभग 2 साल पहले ही नियम ला चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBO) ने बैंक अकाउंट (Bank Account) होल्डर्स या कस्टमर के हितों की रक्षा के लिए लगभग 2 साल पहले सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर में कहा गया है कि अकाउंट से अनाधिकृत ट्रांजैक्शन या फ्रॉड होने पर कस्टमर को क्या करना चाहिए जिससे उसका नुकसान न हो और बैंक उसके पैसे की भरपाई कर दे। वास्तव में यह 3 से 7 दिन का नियम है, अगर आपको इस नियम के बारे में मालूम है तो आप फ्रॉड की स्थिति में बड़े नुकसान से बच सकते हैं।
लगातार बढ़ रहे हैं ऑनलाइन फ्रॉड
आरबीआई की हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में अप्रत्याशित रूप से 71,500 करोड़ रुपए से संबंधित बैंक फ्रॉड के 6,800 केस सामने आए। वहीं एक साल पहले समान अवधि यानी 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपए के फ्रॉड के 5,916 केस हुए थे।
आरबीआई (RBI) ने कहा कि शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक और वित्तीय संस्थानों ने 71,542.93 करोड़ रुपए की धनराशि से जुड़े कुल 6,801 बैंक फ्रॉड के केस दर्ज किए थे।
3 दिन में बैंक को दें फ्रॉड की जानकारी
आरबीआई (RBI) के सर्कुलर के मुताबिक अगर आपके बैंक अकाउंट से अनाधिकृत ट्रांजैक्शन या फ्रॉड हुआ है तो आपको बैंक से किसी भी माध्यम से इसकी सूचना मिलने के तीन दिन के अंदर बैंक को इसके बारे में जानकारी देनी होगी। अगर आप ऐसा करते हैं तो इस मामले में आपकी जीरो लायबिलिटी होगी। अगर अनाधिकृत ट्रांजैक्शन या फ्रॉड आपकी गलती या लापरवाही से नहीं हुआ है तो बैंक आपके नुकसान की पूरी भरपाई करेगा।
4 से 7 दिन के बीच जानकरी दी तो आपकी होगी लिमिटेड लायबिलिटी
अगर आपके अकाउंट में अनाधिकृत ट्रांजैक्शन या फ्रॉड हुआ है और आपने बैंक को 4 से 7 दिन के बीच जानकारी दी तो इस मामले में आपकी लिमिटेड लायबिलिटी होगी। यानी आपको अनाधिकृत ट्रांजैक्शन की वैल्यू का एक हिस्सा वहन करना होगा।
अगर बैंक अकाउंट बेसिक सेविंग बैंकिंग डिपॉजिट अकाउंट यानी जीरो बैलेंस अकाउंट है तो आपकी लायबिलिटी 5,000 रुपए होगी। यानी अगर आपके बैंक अकाउंट से 10,000 रुपए का अनाधिकृत ट्रांजैक्शन हुआ है तो आपको बैंक से 5,000 रुपए ही वापस मिलेंगे। बाकी 5,000 रुपाए का नुकसान आपको वहन करना होगा।
सेविंग अकाउंट पर कस्टमर की लायबिलिटी होगी 10,000 रु
अगर आपका सेविंग अकाउंट है और आपके अकाउंट से अनाधिकृत ट्रांजैक्शन हुआ है तो आपकी लायबिलिटी 10,000 रुपए होगी। यानी अगर आपके अकाउंट से 20,000 रुपए का अनाधिकृत ट्रांजैक्शन हुआ है तो बैंक से आपको 10,000 रुपए ही वापस मिलेंगे। बाकी 10,000 रुपए का नुकसान आपको उठाना होगा।
करंट अकाउंट और क्रेडिट कार्ड पर कितनी होगी लायबिलिटी
अगर आपके करंट अकाउंट या 5 लाख रुपए से अधिक लिमिट के क्रेडिट कार्ड से अनाधिकृत ट्रांजैक्शन होता है तो ऐसे मामलों में आपकी लायबिलिटी 25,000 रुपए होगी।
यानी अगर आपके अकाउंट से 50,000 रुपए का अनाधिकृत ट्रांजैक्शन हुआ है तो बैंक आपको 25,000 रुपए ही देगा। बाकी 25,000 रुपए का नुकसान आपको उठाना होगा।
7 दिन के बाद दी बैंक को जानकारी तो क्या होगा
अगर आपने अपने अकाउंट से अनधिकृत ट्रांजैक्शन की जानकारी बैंक से जानकारी मिलने से 7 दिन के बाद दी तो यह बैंक के बोर्ड पर है कि इस मामले में वह आपकी लायबिलिटी कैसे तय करता है। बैंक अगर चाहे तो ऐसे मामले में आपकी लायबिलिटी को माफ भी कर सकता है।
Input:Money Bhaskar