लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति में वे किसी भी ऐसे दल से कभी गठबंधन नहीं करेंगे जिसका हिस्सा उनके चाचा पशुपति पारस होंगे. ये बयान भी उन्होंने उन अटकलों पर दिया जहां कहा गया कि वे एनडीए में फिर वापसी कर सकते हैं.
अब यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि केंद्र में इस समय पशुपति पारस मंत्री हैं और एनडीए का भी हिस्सा चल रहे हैं. लेकिन इस समय नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो चुके हैं. इसी वजह से ऐसी अटकलें थीं कि चिराग एक बार फिर एनडीए से हाथ मिला सकते हैं. अब चिराग ने जोर देकर कहा है कि वे किसी भी ऐसे गठबंधन का कभी हिस्सा नहीं बनने वाले हैं जिसका हिस्सा उनके चाचा रहने वाले हैं. इतना कहना ही स्पष्ट कर गया है कि अभी के लिए चिराग एनडीए में शामिल नहीं होने जा रहे हैं.
वैसे बातचीत के दौरान चिरान ने एक और बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पहली बार कहा है कि उन्हें आरजेडी से भी हाथ मिलाने से कोई गुरेज नहीं है. इस बारे में वे कहते हैं कि अब बिहार में गठबंधन करने का कोई महत्व नहीं रह गया है. आप चुनाव के समय किसी के साथ जा सकते हैं, सरकार बनने पर किसी दूसरे दल के साथ जा सकते हैं.
यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान का सिर्फ एक उदेश्य था. वे किसी भी कीमत पर बिहार में नीतीश कुमार को हराना चाहते थे. वे राज्य में बीजेपी सरकार बनाने के पक्ष में थे. अब राज्य में सरकार तो बीजेपी की बन गई, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ही रहे. लेकिन अब फिर स्थिति बदल गई है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन से हाथ मिला लिया है. वे तेजस्वी यादव के साथ बिहार में सरकार चला रहे हैं.
Source : Aaj Tak