एग्जाम में 50 में 50, 100 में 100 नंबर तो आपको मिले होंगे, लेकिन क्या आपको कभी 50 में से 51 और 100 में से 101 नंबर मिले हैं। ये सुनकर आप भी अगर सोच रहे होंगे कि- ऐसे नंबर सिर्फ सपनों में से मिल सकते हैं, तो आप गलत हैं। पटियाला के अंकुर गर्ग ने यह कारनामा कर दिखाया है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मैक्रो इकोनॉमिक्स के फाइनल एग्जाम में 170 में से 171 नंबर हासिल किए। यानी 101% मार्क्स। इनके मार्क्स जानकर आप भी हैरान हो गए ना। जिसने भी सुना था उसका कुछ ऐसा ही रिएक्शन था जैसा की अभी आपका है।

आज हम आपको अंकुर गर्ग के बारे में बता रहे हैं जो 22 साल में IAS अफसर बने थे, आखिरी एग्जाम में लक्ष्य हासिल कर लिया था। महिंद्रा कॉलेज पटियाला से नॉन मेडिकल में प्लस टू की और आईआईटी दिल्ली से बीटेक। अंकुर ने बताया कि स्कूल के वक्त में हमेशा पिता जी कहते थे कि 10 में से 10 नंबर तो कोई भी ला सकता है, तुम्हें कुछ अलग करना चाहिए…तुम 10 में से 11 अंक लाने की कोशिश करो… और मैंने वो कारनामा भी कर दिखाया। यह लक्ष्य मैंने अपने स्टूडेंट लाइफ के आखिरी एग्जाम में हासिल कर लिया। अंकुर ने परीक्षा के चार पेपर्स में से दो में 2-2 अंक अधिक प्राप्त किए हैं। एक में दो अंक कम और एक में एक अंक कम मिले हैं। ये परीक्षा इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हुई थी।

अंकुर ने बताया कि जब वह 10 साल के थे तब से ही IAS अफसर बनने की ठान ली थी। कई कंपनियों से ऑफर मिले पर वे नहीं गए। पटियाला में सिविल सर्विसेज की तैयारी की। पहले ही कोशिश में 2002 में 22 साल की उम्र में IAS बन गए। उस समय वे देश के सबसे कम उम्र में IAS अफसर बनने वाले युवा थे। अंकुर के पिता डॉ. के.सी. गर्ग प्लास्टिक सर्जन हैं। उन्होंने पोस्ट में मैक्रो इकोनॉमिक्स में अपने स्कोर कार्ड की फोटो भी डाली है। स्कोर कार्ड पर इंटरनेशनल स्तर के जाने माने मैक्रो इकोनॉमिस्ट जेफ्री फ्रेंकल के साइन हैं। अंकुर ने लिखा है कि ये साइन केक पर आइसिंग की तरह हैं, जिन्हें खुद फ्रेंकल ने किया है। जेफ्री ने लिखा है- आउटस्टैंडिंग एग्जाम और आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस ओवरऑल। 101% मार्क्स।

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