जिले के 16 में से नौ प्रखंड अब बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मुरौल प्रखंड के भी कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस तरह अब 77 पंचायतों के 205 गांवों बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।
डीएम आलोक रंजन घोष ने मंगलवार को बताया कि तीन नदियां बागमती, बूढ़ी गंडक व लखनदेई से जिले में बाढ़ है। फिलहाल इन नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। मगर, नेपाल में भारी बारिश के कारण अगले दो दिन महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इससे इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक-एक बाढ़ पीडि़त को राहत राशि दी जाएगी। अगर किसी गांव या वार्ड में एक भी घर प्रभावित हुआ तो छह हजार रुपये पीडि़त के खाते में भेजा जाएगा। इसके लिए 132 सदस्यों की टीम लगातार सर्वे कर रही है। साथ ही साथ डाटा इंट्री भी हो रही है। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मदद ली जा रही है। अब तक जिले के 12 हजार से अधिक लोगों के खाते में छह-छह हजार रुपये भेज दिए गए हैं।
राहत वितरण की भी होगी व्यवस्था
एक सवाल के जवाब में डीएम ने कहा कि पीडि़त परिवारों को राशन मिल सके इसकी भी वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के गोदामों से खाद्यान्न पास के जनवितरण प्रणाली की दुकानों में भेजा जाएगा।
सड़कों के बीच लगाए जाएंगे ह्यूम पाइप
डीएम ने कहा कि बाढ़ के कारण कई जगहों पर सड़कें टूट गईं। फिलहाल मरम्मत कर इसे चलने लायक बनाया जाएगा। इसके बाद सड़कों को जोडऩे के साथ इसमें ह्यूम पाइप लगाए जाएंगे। ताकि भविष्य में इन जगहों से सड़कें नहीं कटे।
जिले में बाढ़ की स्थिति का आंकड़ा
– प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार नौ प्रखंड औराई, गायघाट, कटरा, मुशहरी, बोचहां, बंदरा, मीनापुर, कांटी व मुरौल बाढ़ की चपेट में।
– 77 पंचायतों के 205 गांव की तीन लाख 42 हजार आबादी प्रभावित।
– करीब 35 हजार परिवारों के प्रभावित होने का अनुमान।
– 38 स्थानों पर सामुदायिक रसोईघर व तीन जगहों रघई (मीनापुर, एनएच-57 (कांटी) व मारवाड़ी उच्च विद्यालय (नगर निगम) में शिविर चलाए जा रहे।
– पीडि़तों में 18645 पॉलीथिन शीट्स बांटे गए। राहत कार्य में 87 नावें लगाई गईं।
Input : Dainik Jagran