कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का समर्थन किया और “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। थरूर ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने संयम और रणनीतिक संतुलन के साथ पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जवाब दिया। इस अभियान में कुल 26 आतंकियों को मार गिराया गया।
शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि यदि भविष्य में इस प्रकार का कोई हमला दोहराया गया, तो भारत उसकी कड़ी प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कार्रवाई युद्ध को बढ़ावा देने के लिए नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और आतंकवाद को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से की गई थी।
भारतीय दूतावास में बोलते हुए थरूर ने दुनिया को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने अमेरिका के ट्विन टावर हमले का जिक्र करते हुए बताया कि आतंक अब सीमाओं का मोहताज नहीं रहा, इसलिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उनका अमेरिका आने का मकसद वैश्विक मंच पर भारत की राय को स्पष्ट करना और हाल की घटनाओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सही जानकारी देना है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि बताते हुए थरूर ने कहा कि हमला करने वाले आतंकियों का उद्देश्य भारत के सामाजिक ढांचे को तोड़ना था। लेकिन उनके प्रयासों के विपरीत, भारत की जनता ने एकता का परिचय दिया। कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक, हर क्षेत्र और धर्म के लोग एकजुट नजर आए।
थरूर ने स्पष्ट किया कि इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जो कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने हमेशा की तरह इस हमले से पल्ला झाड़ लिया और चीन के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र में TRF का नाम हटवाने में भी सफल हो गया।
थरूर ने यह भी कहा कि भले ही वे विपक्षी दल से हैं, लेकिन उन्होंने पहले ही अपने लेख में लिखा था कि अब भारत को ठोस जवाब देना चाहिए। सरकार ने ऐसा कर दिखाया और आतंकियों के अड्डों को निशाना बनाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया, यह देश की सुरक्षा नीति की दिशा में अहम कदम है।