मुजफ्फरपुर : खेतों में लगी फसल एवं बागवानी को नष्ट करने वाले जंगली जानवरों को अब ग्राम पंचायतों के मुखिया की अनुमति से ही मारा जा सकेगा। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार फसल, बागवानी आदि की क्षति करने वाले घोड़परास या बनैया सूअर को मारने के लिए मुखिया अधिकृत होंगे।
विभाग के सहायक सचिव के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य के सभी जिलों से खेती और बागवानी की इन जंगली जानवरों द्वारा व्यापक क्षति की जाती है। इसके अलावा मनुष्यों की जीवन को भी नुकसान पहुंच रहा है।
इसे देखते हुए राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव वार्डन ने ग्राम कचहरी के सरपंच को जंगली जानवर को मारने की स्वीकृति देने के लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव दिया था। इस विचार के बाद निर्णय लिया गया कि मुखिया को यह जिम्मेदारी दी जाए। वन क्षेत्र को छोड़कर मुखिया अपनी पंचायत क्षेत्र में स्वीकृति दे सकेंगे। मालूम हो कि फसल क्षति के बावजूद इन जंगली जानवरों को मारने के लिए विभाग की स्वीकृति लेनी होती थी। इसमें लंबा समय लग जाता था। तब तक किसानों की क्षति काफी हो जाती थी।
एक पंचायत में कम से कम दो सौ एकड़ फसल की क्षति
कृषि विभाग के एक अधिकारी की मानें तो जंगली जानवरों से जिले की प्रत्येक पंचायत में कम से कम दो सौ एकड़ की फसल नष्ट हो जाती है। इस तरह जिले में करीब 75 हजार एकड़ की फसल नष्ट हो जाती रही है। कई इलाके में तो किसानों ने खेती ही छोड़ दी थी। सरकार के इस निर्णय से किसानों को काफी राहत मिलेगी।
Source : Dainik Jagran