अब पासपोर्ट का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय स्तर से तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही सभी थानों में मुख्यालय से टैब की व्यवस्था की जाएगी। सभी थानेदारों को टैब दिया जाएगा। इसमें एक एप्लीकेशन अपलोड किया जाएगा। इसका नाम एम. (मोबाइल) पासपोर्ट पुलिस एप्लीकेशन होगा। इसके माध्यम से सत्यापन का कार्य किया जाएगा।
नई व्यवस्था के शुरू होने से मुंशी और थानों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। थानेदार एक पदाधिकारी को सत्यापन करने का कार्य सौंपेंगे। उक्त पदाधिकारी आवेदक के घर पर जाकर सत्यापन करेंगे। वहां के लोकेशन और आवेदक की तस्वीर खींचकर लाएंगे और इसे एप पर अपलोड करेंगे। आवेदक को थाने पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
21 दिनों में करना है सत्यापन
सत्यापन का काम 21 दिन के भीतर उक्त पदाधिकारी को कर लेना है। अन्यथा उनका वेतन काटा जाएगा। आवेदक को मुंशी और सत्यापन करने वाले को नजराना देने से मुक्ति मिल जाएगी। यह सत्यापन का कार्य करने वाले पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह किसी तरह 21 दिनों के भीतर दिए गए काम को समाप्त करें।
शुरू की जा रही नई व्यवस्था
थानों में सत्यापन के लिए पुलिसकर्मियों ने नजराना तय कर रखा है। व्यक्ति विशेष के हिसाब से मुंशी नजराना लेते हैं। कहा जा रहा कि 500-1000 रुपये तक आवेदकों से लिए जाते हैं। इसकी शिकायतें जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों से लेकर मुख्यालय तक को मिलती रहती हैं। इसी के मद्देनजर नई व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है। सूबे के सभी थानों में टैब की व्यवस्था करने के लिए इसकी खरीदारी को लेकर ढाई करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत कर दी गई है। शीघ्र ही सभी जिलों को राशि आवंटित कर दी जाएगी।
पहले थी यह व्यवस्था
पहले पासपोर्ट सत्यापन के लिए आवेदक को स्वयं थाने पर जाना पड़ता था। मुंशी और संबंधित पदाधिकारी के आगे-पीछे कई बार चक्कर काटना पड़ता था। इसके बाद कुछ नजराना देने पर सत्यापन किया जाता था।
इस बारे में एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि एम पासपोर्ट एप से सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए सभी थानों में टैब देने का निर्णय मुख्यालय से लिया गया है। इस दिशा में कवायद चल रही है।
Input : Dainik Jagran