राज्य के निवासियों को अब जन्म और मृ’त्यु प्रमाणपत्र के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। जन्म और मृ’त्यु प्रमाणपत्र महज छह दिन में बनाए जा सकेंगे। इस सेवा को भी सरकार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) के दायरे में ला दिया गया है। नई सेवा के जुड़ने के साथ ही आरटीपीएस के तहत अब कुल 61 तरह की सेवाएं मिल सकेंगी। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में कुल सात प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

प्रखंडों में जारी होंगे प्रमाणपत्र : बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र प्रखंड स्तर पर प्रखंड सांख्यिकी पर्यवेक्षक जारी करेंगे। इसके लिए आवेदक को जन्म अथवा मृत्यु के एक महीने के अंदर आवेदन करना होगा। यदि छह दिन में प्रमाणपत्र नहीं मिलता है तो इसके लिए जिला स्तर पर सांख्यिकी पर्यपेक्षक और इसके बाद जिलाधिकारी के यहां अपील के प्रावधान भी रखे गए हैं।

दो ही स्तर पर अपील का निपटारा करने के लिए 15-15 दिन की मियाद रखी गई है। एक महीने से अधिक दिन पर संबंधित प्रमाणपत्र का आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी के स्तर पर करना होगा। यदि एक वर्ष से 15 वर्ष की अवधि में कोई व्यक्ति जन्म प्रमाणपत्र में बच्चे का नाम भी जुड़वाना चाहे तो वह प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन कर सकता है। इस कार्य के लिए भी छह दिन की मियाद तय की गई है।

Input : Dainik Jagran

 

 

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