सुप्रीम कोर्ट में एक हैरान करने वाले मामला पहुंचा है। एक शख्स ने आरोप लगाया था कि जिसे वो ब्याह कर लाया, वो महिला नहीं, मर्द है। उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पीड़ित ने इस मामले में न्याय दिलाने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को पीड़िता की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि निश्चय ही कथित पत्नी पर धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि उसके पास पुरुष जननांग हैं।

वो महिला नहीं, मर्द है

यह मामल सबसे पहले मई 2019 में सामने आया था। तब ग्वालियर के एक मजिस्ट्रेट ने पीड़ित द्वारा दायर शिकायत पर उसकी कथित पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप पर संज्ञान लिया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसकी शादी 2016 में हुई थी। लेकिन शादी के तत्काल बाद उसे पता चला कि उसकी पत्नी औरत नहीं, एक मर्द है। उसके पास पुरुष जननांग हैं। यानी वो इस शादी के लिए पूरी तरह से अक्षम है। उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन सकते हैं। पीड़ित ने कथित पत्नी और उसके पिता के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए अगस्त 2017 में मजिस्ट्रेट से संपर्क किया था।

एक जन्मजात विकार है

पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने में अनिच्छा जताई थी, लेकिन न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने आरोपी पत्नी से जवाब अवश्य मांगा था। लेकिन पीड़ित ने कोर्ट के सामने पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि उसकी पत्नी के पास एक लिंग और अविकसित हाइमन है। अविकसित हाइमन एक जन्मजात विकार है। यह योनि को बाधित करत है। पीड़ित के वकील सीनियर एडवोकेट एनके मोदी ने बेंच को बताया कि भारतीय दंड संहित की धारा 420 के तहत यह एक आपराधिक मामला है, क्योंकि पत्नी एक पुरुष निकली है।

मप्र उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका

यह मामला जून, 2021 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को  रद्द कर दिया था, जिसमें धोखाधड़ी के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पत्नी को सम्मन जारी किया गया था। पीड़ित के वकील मोदी हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने बेंच के सामने दलील दी कि पीड़ित के पास पर्याप्त सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि अपूर्ण हाइमन के कारण उसकी पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता है।

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पत्नी ने भी दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी

दूसरी ओर पत्नी ने भी अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उसके साथ क्रूर बर्ताव किया जाता है। इस बीच ग्वालियर के एक अस्पताल में महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया था। साथ ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पति और उसकी बहन के बयान दर्ज कराए गए थे। फिर पत्नी को सम्मन भेजा गया था। इसके खिलाफ पत्नी ने मप्र हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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