बीती छब्बीस फरवरी को भारत की एयर स्ट्राइक को पाकिस्तान सरकार कितना ही छुपाने की कोशिश करे लेकिन अब धीरे-धीरे सारी सच्चाई सामने आ रही है। पाकिस्तान में अब सरकार के खिलाफ भी रोष उभर कर सामने आ रहा है क्यों कि जो लोग भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गये उनके लिए नमाज-ए-जनाजा तक की इजाजत नहीं दी गई।

पाकिस्तान की एक जर्नलिस्ट ने स्थानीय अधिकारी और चश्मदीदों के हवाले से लिखा है कि ह’मले के बाद दर्जनों एंबुलेंस में शवो को भर कर ले जाया गया। ये हैं वो कुछ खास नाम जो चला रहे थे बालाकोट का टेररिस्ट ट्रैनिंग कैंप :कर्नल सलीम – आईएसआई (पाकिस्तानी आर्मी)। कर्नल जाबिर – आईएसआई (पाकिस्तानी आर्मी) मुफ्ती मोईन – जैश-ए-मुहम्मद का मास्टर ट्रैनर जो युवाओं का ब्रेन वॉश करता था। उस्मान गनी – जैश-ए-मुहम्मद का आईईडी स्पेशलि। कर्नल जार जाकिरी- आईएसआई (गंभीर रूप से घायल)

भारत के ह’मले के तुरंत बाद पाकिस्तानी आर्मी वहां पहुंच गई थी और रोशनी होने से पहले ही पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। पाक आर्मी ने सबसे पहले आस-पास के इलाके में छापे मारी की और जितने भी लोगों के पास मोबाइल फोन थे वो अपने कब्जे में लिये। इस जर्नलिस्ट ने यह भी दावा किया है कि जिन गाड़ियों में शव लाद कर ले जाये गये थे उनके ड्राइवर, डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ के मोबाइल भी पाक आर्मी ने जब्त कर लिए थे।

चश्मदीदों के अनुसार भारत के ह’मले में मारे लोगों में से लगभग दर्जन भर एक झोपड़ी में सो रहे थे। हवाई बमबारी में वो सभी मारे गये। ये लोग पहले पाकिस्तानी आर्मी में काम कर चुके थे, और अब वहां पर सिक्योरिटी गार्ड थे। इस जर्नलिस्ट ने दावा किया है कि उसने जाबा टॉप के आसपास रहने वाले लोगों और अफसरों ने ऐसे संचार उपकरणोंसे बात की है जो पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई की पकड़ से बाहर हैं।

दावा किया गया है कि भारत के हवाई ह’मले में आईएसआई का एक कर्नल सलीम भी मारा गया है। जबकि एक जार जाकिरी नाम का कर्नल गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। इस ह’मले में जैश-ए-मुहम्मद का आईईडी स्पेशलिस्ट उस्मान गनी और युवाओं का ब्रेन वाश कर फिदाईन बनाने में माहिर मुफ्ती मोईन भी मारा गया।

Input : Live Bavaal

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