भारत एक और पर’माणु मिसा’इल के परीक्षण के लिए तैयार है। भारत शुक्रवार(8 नवंबर) को आंध्र प्रदेश के तट से पनडुब्बी के जरिए के-4 प’रमाणु मिसा’इल का परीक्षण करने जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने इस बात की जानकारी दी है।पनडुब्बियों से अपने दु’श्मन के ठिकानों को मा’र गि’राने की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए भारत शुक्रवारको एक और कदम आगे बढ़ाएगा। के-4 पर’माणु मि’साइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर बताई जा रही है।
यह मिसाइल प्रणाली रक्षा एवं अनुसंधान विकास संस्थान(डीआरडीओ) द्वारा अरिहंत श्रेणी की परमाणु परनडुब्बियों के लिए विकसित की जा रहा है। अरिहंत परमाणु परनडुब्बियां भारत द्वारा विकसित की जा रही हैं। यह पनडुब्बियां भारत के परमाणु परीक्षण का मुख्य आधार होंगी।
परीक्षण का लक्ष्य
सरकारी सूत्रों ने कहा कि, ‘डीआरडीओ शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम कट से एक अंडरवॉटर प्लेटफॉर्म से के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण करेगा। इस परीक्षण के दौरान डीआरडीओ मिसाइल प्रणाली में उन्नत प्रणालियों का टेस्ट करेगा।’
के-4 दो परमाणु पनडुब्बी मिसाइलों में से है, जिसे भारत द्वारा विकसित किया जा रहा है। एक अन्य मिसाइल B0-5 है, जिसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर से भी अधिक है।
कितनी रेंज का होगा परीक्षण ?
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डीआरडीओ पूरी रेज पर मिसाइल का परीक्षण करेगा या कम दूरी पर। हालांकि, हालांकि, भारत द्वारा नियोजित टेस्ट-फायरिंग के लिए लंबी दूरी की मिसाइल परीक्षण के लिए NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) और समुद्र को लेकर चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है।
कई और मिसाइलों के परीक्षण की तैयारी
के-4 मिसाइल के परीक्षण की योजना पिछले महीने बनाई गई थी लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था।डीआरडीओ आने वाले कुछ हफ्तों में कुछ और मिसाइलों का भी परीक्षण करने जा रहा है। भारत, अग्नि -3 और ब्रह्मोस मिसाइलों के परीक्षण की योजना बना रहा है।
सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि K-4 मिसाइल का परीक्षण पानी के भीतर के पंटून से किया जाएगा, क्योंकि अभी भी मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है और एक पनडुब्बी से लॉन्च केवल एक बार किया जाएगा जब तक यह तैनाती के लिए तैयार ना हो जाए।
Input : Dainik Jagran