MUZAFFARPUR : बेतिया डीआईजी जयंतकांत के नाम और फोटो लगी आईडी का इस्तेमाल कर साइबर शातिर मैसेंजर से लोगों को संदेश भेजकर साइबर ठगी कर रहे हैं। आईपीएस का मैसेज देख कटरा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष बेचन महतो जाल में फंस गए। उनसे 80 हजार की ऑनलाइन ठगी कर ली गई है। प्रखंड अध्यक्ष ने कटरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

बताया कि कई अन्य लोगों से भी इसी तरह इसी नाम पर ठगी की गई है। औराई के राजखंड निवासी जदयू नेता ने पुलिस को बताया है कि बीते साल 24 दिसंबर की शाम साढ़े तीन बजे आइपीएस जयंतकांत की फोटो लगी मैसेंजर आइडी से उनके नंबर पर मैसेज आया। पहले हाल-चाल पूछा और मोबाइल नंबर मांगा। मोबाइल नंबर बता दिया। फिर मैसेज आया कि सीआरपीएफ में उनके मित्र ऑफिसर हैं, जिनका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया है। उन्हें अपना फर्नीचर जल्दी में बेचना है। तुम्हारे नंबर पर सीआरपीएफ अधिकारी संतोष कॉल करेंगे। उनका फर्नीचर सस्ते में मिल जाएगा। फिर 25 दिसंबर को संतोष कुमार नामक व्यक्ति ने सीआरपीएफ का अधिकारी बनकर बातचीत की। उसने जयंतकांत को अपना मित्र बताया। उसने व्हाट्सएप पर फर्नीचर का फोटो भेजा। बोला कि 95 हजार रुपए में सारा सामान सीआरपीएफ कैंप से ट्रक से होम डिलीवरी हो जाएगा।

जदयू नेता ने फर्नीचर का दाम 60 हजार लगाया। तब संतोष ने व्हाट्सएप पर स्कैनर भेजा। अलग-अलग यूपीआई आइडी से जदयू नेता ने 60 हजार भेज दिया। तब ट्रक के चालान का 21 हजार 750 रुपए चार्ज मांगा। जदयू नेता को संदेह हुआ तो जयंतकांत वाले मैसेंजर से उन्हें मैसेज आया। उसने बोला कि घबराओ नहीं सेक्योरिटी चार्जेज भेज दो। विश्वास में आकर बेचन महतो ने यूपीआई से यह राशि भी भेज दी। इसके बाद संतोष का मोबाइल बंद हो गया।

और मैसेंजर पर भी कोई उत्तर नहीं मिल रहा है। बेतिया के डीआईजी मुजफ्फरपुर में ढाई साल से अधिक अवधि तक एसएसपी रहे हैं। गांव-गांव तक उनका लोगों से जुड़ाव रहा है।

Source : Hindustan

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