बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से नकल पर रोक लगाने के लिए अब सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाया जाएगा। बोर्ड द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में सेंटर पर लो इंटेन्सिटी का जैमर लगाया जाएगा। इसके लिए फिलहाल एजेंसी की तलाश हो रही है। इससे पहले बोर्ड की परीक्षाओं में जैमर का प्रयोग नहीं हुआ है। जैमर लग जाने के बाद परीक्षा केंद्र पर मोबाइल व इंटरनेट सहित अन्य कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम नहीं करेगा, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी। यह जैमर परीक्षा केंद्र व इसके आसपास ही काम करेगा, बाकी जगहों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसमें सभी कमरों के अलावा टॉयलेट भी शामिल है। बिहार बोर्ड मैट्रिक-इंटर की वार्षिक परीक्षा के अलावा टीईटी, एसटीईटी तथा सिमुलतला आवासीय विद्यालय के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है।

कोई भी डिवाइस नहीं करेगा काम

बिहार बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्रों में जैमर की व्यवस्था किए जाने के बाद वाईफाई, ब्लूटूथ डिवाइस, सीडीएम, जीएसएम, टूजी, थ्रीजी, 4जी मोबाइल, सेलफोन, स्पाई कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व अन्य एक्सेसरीज काम नहीं करेंगे। इससे हाईटेक चीटिंग, मास कॉपीइंग, सूचनाओं के आदान-प्रदान पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। परीक्षा के दौरान सभी शिफ्ट के लिए जैमर लगाया जाएगा। परीक्षा केंद्र के हर हिस्से में यह काम करे इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बिहार बोर्ड की ओर से ऐसी एजेंसी की तलाश की जा रही है जो जैमर लगाने और उसके प्रबंधन का काम पूरी तरह से गंभीरता से करे, ताकि परीक्षा के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो।

परीक्षा के डेढ़ घंटे पहले से काम करेगा | केंद्रों पर परीक्षा के एक दिन पहले जैमर लगाया जाएगा। यह परीक्षा शुरू होने से पहले काम करने लगेगा और परीक्षा समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक फंक्शनल रहेगा। यानी, हर पाली में परीक्षा शुरू होने से डेढ़ घंटे पहले से किसी भी प्रकार का कम्युनिकेशन नहीं हो पाएगा। जैमर बिना रुकावट के काम करे, इसकी जिम्मेदारी एजेंसी की होगी। तकनीकी गड़बड़ी भी न हो इसके लिए व्यवस्था की जाएगी। एजेंसी को परीक्षार्थियों की संख्या और शिफ्ट के हिसाब से जैमर की व्यवस्था करनी होगी।

Input : Dainik Bhaskar

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