चीन की वुहान से फैले कोरोना वायरस संक्रमण का कहर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. महामारी के संकट के बीच आज पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगा हुआ है. इस जनता कर्फ्यू में प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर सभी लोग घरों की बालकनी, छत और घर के दरवाजों से बाहर निलकर शाम 5 बजे थाली और ताली बजाएंगे.
प्रधानमंत्री द्वारा शाम को खिड़की, दरवाजे, बालकनी में थाली और ताली बजाने के आग्रह के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. सोशल मीडिया यूजर्स लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि आखिरकार थाली और ताली बजाने से कोरोना वायरस का क्या कनेक्शन है. अगर, आपके मन में भी यही सवाल आ रहा है तो हम इसका जवाब आपको देने जा रहे हैं.
आत्मविश्वास
इस बात को ऐसे समझिए कि बीमारी हो या फिर कोई दुश्मन पर जीत हासिल करने की बाद, पहले इरादों को मजबूत किया जाता है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारतवासियों को एक होने की जरूरत है. ताली बजाने को एक उत्साह के तौर पर देखा जाता है. इससे आत्मविश्वास में मजबूती आती है.
ताली बजाने के फायदे
– ताली बजाने से फेफड़े, लिवर, किडनी, छोटी और बड़ी आंत और हाथ की उंगलियों के बिंदु दबते है, जिससे शरीर के अंगों में खून का प्रवाह तेजी से होता है.
– ताली बजाने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही दिमाग भी शांत होता है.
– एक्यूप्रेशर थेरेपी के अनुसार, शरीर में 340 प्रेशर बिंदू होते हैं. जिनमें से 29 हाथों में पाए जाते हैं. ताली बजाने से ये सभी बिंदू एक साथ दबते है, जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है.
– ताली बजाने से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो सही होता है और फेफड़े हेल्दी रहते हैं.
वैज्ञानिक पक्ष भी जानिए..
वहीं, ताली बजाने को विज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो इसे ध्वनि चिकित्सा कहा जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ताली बजाने से एक विशेष प्रकार की आवाज और कंपन होता है जो कोशिकाओं को एक्टिवेट करता है. इससे कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है.