मुजफ्फरपुर में बचपन गुजारने वाला लड़का आज देश-दुनिया में लोगों के मन से भूत का भय भगा रहा है। लोगों को भूत और अंधविश्वास के तिलिस्म से उबारने वाले जय अलानी ने पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेशन के माध्यम से एक अलग पहचान बनाई है। बिहार ही नहीं राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि के जिलों में जय करीब ढाई सौ पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेशन कर चुके हैं। भूत या अंधविश्वास की बात वाली जगहों पर जय अपनी टीम के साथ रात गुजारते हैं। दो-तीन रात गुजारने के बाद वे लोगों के सामने इस वहम का खुलासा करते हैं। जय अलानी ने शहर के चंदवारा इलाके में रहकर 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। बाद में वे सपरिवार पटना शिफ्ट कर गये। फिलहाल, जय दिल्ली में रह रहे हैं। जय ने बताया कि वे 10 साल से पारा इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं।
निगेटिव एनर्जीको भूत मानते हैं लोग
अब तक सौ लोकेशन बेस्ड और डेढ़ सौ केस बेस्ड इन्वेस्टिगेशन किए हैं। राजस्थान के भानगढ़, जैसलमेर के कुलधरा, उत्तराखंड के मसूरी, लोहाघाट में इन्वेस्टिगेशन के दौरान कई रात गुजारना काफी रोमांचक रहा है। कई रात बिताने के बाद पता चला कि कुछ निगेटिव एनर्जी है जिसे लोग भूत मानते हैं। लेकिन इससे इंसानों को कभी नुकसान नहीं हुआ। जय कहते हैं कि यह लोगों के मन के वहम से अधिक कुछ नहीं।
15 से 20 उपकरणों से लैस रहती है टीम जय ने बताया कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान वे 15 से 20 तरह के इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करते हैं। छह तरह के कैमरे, नाइट विजन, थर्मल कैमरा के अलावा इलेक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड की रीडिंग, टेम्परेचर के लिए, रेडियो फ्रिक्वेंसी आदि टूल्स लेकर जाते हैं। जय ने बताया कि इन मशीनों से भूत का पता नहीं चल सकता। इन मशीनों से इन्वेस्टिगेशन में सबूत इकठ्ठा करने में आसानी होती है। इन सबूतों से यह पता चलता है कि कोई निगेटिव एनर्जी है या नहीं। अब तक के रिसर्च में बमुश्किल 15 फीसदी जगहों पर ही निगेटिव एनर्जी मिली है। लेकिन उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंचा।
Input : Hindustan