बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वास मत पहले ध्वनि मत से और बाद में वोट के जरिए 129 विधायकों के समर्थन से पास हो गया है। पार्टियों के हिसाब से सरकार को 128 विधायकों का समर्थन था लेकिन उसे 129 वोट पड़े। जबकि आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी नीतीश के समर्थन में चले गए थे। इससे साफ है कि बीजेपी या जेडीयू के तीन विधायकों ने सरकार का साथ नहीं दिया। महत्वपूर्ण यह है कि आरजेडी के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान सरकार के साथ 125 विधायक ही खड़े हुए थे। सरकार के फ्लोर टेस्ट पर वोटिंग तक यह संख्या बढ़कर 129 हो गई है। स्पीकर को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग में 125 विधायकों ने सरकार के समर्थन में वोट किया जबकि विपक्ष के साथ 112 विधायक ही रहे।

स्पीकर को हटाने में सरकार के साथ 125 विधायकों के खड़े होने से ही साफ हो गया था कि नीतीश के पास बहुमत है और सरकार के विश्वास मत पर बहस के बाद मत विभाजन एक औपचारिकता है। चौधरी ने विधानसभा के संचालन की शुरुआत की और अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस की जानकारी देने के बाद संचालन का काम उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को सौंप दिया था। बहस के दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने नीतीश पर तीखे हमले किए जबकि जवाब में विजय चौधरी, विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने नीतीश से पहले आरजेडी के दौर की याद दिलाई।

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