BIHAR
JDU के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने दिया इस्तीफा, अमित शाह को नसीहत देनी पड़ी महंगी
बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू (JDU) के प्रदेश प्रवक्ता डॉ अजय आलोक (Dr Ajay Alok) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वे अभी पार्टी में बने हुए हैं। उनके इस्तीफे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन इस मामले में कोई कुछ बाेलने को तैयार नहीं हैं। बस कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक बुधवार से ही अपने बयान को लेकर चर्चा में बने हुए थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को लेकर बीएसएफ पर बयान दिया था। बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार है और इसमें जदयू के साथ भाजपा भी सहयोगी है।
जनता दल यू के प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। डॉ. अजय ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि उनकी विचारधारा पार्टी से मेल नहीं खा रही इस वजह से उन्होंने प्रवक्ता पद से इस्तीफे का फैसला किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि वे नीतीश कुमार के लिए शर्म की वजह नहीं बनना चाहते हैं। बता दें कि अजय आलोक में बुधवार को ट्वीट कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कामकाज पर सवाल खड़े किए थे। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर अजय आलोक ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर तंज कसा था। जिसके बाद भाजपा-जदयू के रिश्तों में खटास आती दिख रही थी। माना जा रहा है कि इस विवाद के प्रकरण की वजह से अजय आलोक को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
बुधवार को जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा था कि बीएसएफ की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठिए देश के अंदर आते हैं और बॉर्डर पर बीएसएफ के अधिकारी पांच हजार रुपये लेकर घुसपैठियों को देश में प्रवेश कराते हैं। उन्होंने कहा कि यह रेट फिक्स है। इतना ही नहीं, जदयू प्रवक्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नसीहत भी दे डाली कि ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की जांच करानी चाहिए, जो वर्मा और बांग्लादेश के बॉर्डर पर 7-8 साल से तैनात हैं।
वे यहीं पर नहीं रुके। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने यह भी कहा कि सिर्फ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को कोसने से काम नहीं चलेगा। बताया जाता है कि तभी से अजय आलोक चर्चा में थे। चर्चा यह भी है कि इस बयान के बाद से ही अंदर ही अंदर भाजपा खेमा खफा था।
Input : Dainik Jagran
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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सीढ़ियों से गिरे, कंधे की हड्डी में हुआ फ्रैक्चर, 2 महीने बेड रेस्ट की सलाह

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सीढ़ियों से गिर गए हैं. उनके कंधे और हाथ में गंभीर चोट आई है. आनन-फानन में लालू यादव का एक निजी अस्पताल में आज एमआरआई कराया गया. सूत्रों के मुताबिक, उनके कंधे की हड्डी में हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया है और उन्हें दो महीने के बेड रेस्ट के लिए कहा गया है.
लालू प्रसाद यादव अभी पटना के राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर रहते हैं. यहीं उनके कंधे और हाथ पर गंभीर चोट आई है. आनन-फानन में पटना के एक निजी अस्पताल में उनका एमआईआई कराया गया. सूत्रों के मुताबिक, उनके कंधे की हड्डी में हेयरलाइन फ्रैक्चर हुआ है. लालू यादव को डॉक्टर ने दो महीने का बेड रेस्ट करने की सलाह दी है.
बताया जा रहा है कि सीढ़ियों से उतरने के दौरान लालू यादव का संतुलन बिगड़ गया और वह गिर गए. उनके हाथ और कंधे के साथ कमर में भी चोट आई है.
RJD President #LaluPrasadYadav fractured his shoulder and injured his back after a fall, a source close to his family said
Full report – https://t.co/9mb9GfzoZz pic.twitter.com/XTaAoqZoa9
— Hindustan Times (@htTweets) July 3, 2022
लालू की तबीयत रहती है खराब
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो की तबीयत खराब रहती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, लालू यादव डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, किडनी की बीमारी, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलीसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमज़ोर इम्युनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आँख में दिक्कत, POST AVR 2014 ( ह्रदय से सम्बंधित ) जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं. बताया जा रहा है कि इन सभी बीमारियों में लालू सबसे ज्यादा किडनी की बीमारी से परेशान हैं.
Source : Aaj Tak
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बिहार में एम्बुलेंस हुई बीमार, धक्का लगाकर लोगों ने किया इलाज

मेनटेनेंस के बगैर गया जिले के शेरघाटी के अनुमंडलीय अस्पताल की एम्बुलेंस खटारा हो गई है। हाल यह है कि हर सुबह एम्बुलेंस को चालू करने के लिए स्वास्थकर्मियों को जोरदार धक्का देना पड़ता है। मरीजों को अस्पताल लाने-ले जाने के दौरान दिन-भर बीच रास्ते में ही एम्बुलेंस के बंद होने का डर बना रहता है सो अलग। यह स्थिति महीनों से बनी हुई है, मगर इसकी मरम्मत नहीं करवायी जा रही है।
हकीकत यह है कि शेरघाटी अस्पताल की एम्बुलेंस के फर्श और पांवदान तक टूटे हैं। खिड़कियों में शीशे नहीं हैं। एयरकंडिशनिंग सिस्टम और पंखे की बात बेकार है। हेडलाइट और बैकलाइट में खराबी है सो अलग। एम्बुलेंस के गेट को बंद रखने के लिए ऑटोमैटिक लॉक की जगह सुतली-रस्सी का उपयोग किया जा रहा है। मरीजों को ढोने वाली गाड़ी का कई सालों से फिटनेस फेल है। वाहन का इंश्योरेंस तक नहीं है।
गौर करने वाली बात यह है कि मुख्य मार्गों पर बाइक सवारों के हेलमेट चेक कर जुर्माना वसूलने वाली पुलिस या परिवहन अधिकारियों ने भी मरीजों की जान को खतरे में डालकर ऐम्बुलेंस का संचालन किए जाने के प्रति आंखें मूंद ली हैं। ऐम्बुलेंस चालक प्रवीण मालाकार ने बताया कि इसकी मरम्मत के लिए कई दफे जिम्मेवार अधिकारियों को सूचना दी गई है। इधर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डा.राजेंद्र प्रसाद सिंह कहते हैं कि एम्बुलेंस के मेनटेनेंस के लिए आउटसोर्सिंग कम्पनी के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे गए हैं।
Source: Hindustan
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आज जेल होई, काल्ह बेल होई…बिहार में रील्स के चक्कर में जमानत रिजेक्ट

बिहार के बक्सर जिले में मामूली मारपीट के मामले में जमानत लेने पुलिस स्टेशन पहुंचे तीन युवकों ने कुछ ऐसा गुल खिला दिया कि थानेदार ने बेल रिजेक्ट कर दी। जाहिर सी बात है युवकों की परेशानी बढ़ गई। अब उन्हें अदालत से जमानत लेनी पड़ेगी।घटना शुक्रवार की है, जब महादेवगंज गांव में आयोजित यज्ञ के दौरान हुई मारपीट के एक मामले में दर्ज प्राथमिकी के आरोपी तीन युवकों विशाल सिंह, शक्तिमान सिंह व अजित सिंह को नावानगर थाना पर बुलाया गया।
रील्स के चक्कर में बदमाशों की बेल रिजेक्ट: बक्सर में आज जेल होई, कल बेल, परसो से उहे खेल गाने पर बनाया VIDEO; पुलिस ने उतारा टशन#Bihar #Buxar #Reels https://t.co/ZreKO8tZMk pic.twitter.com/6byhYE5sNk
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) July 3, 2022
मामूली मारपीट में जमानतीय धारा का मुकदमा होने के चलते थानेदार ने अपने स्तर से बेल देने के लिए तीनों को थाना बुलाया था। तीनों एक साथ थाना गेट में घुसे। लेकिन, गेट में घुसते हुए युवकों ने वीडियो बना लिया और उसमें ‘आज जेल होई, काल्ह बेल होई, परसों से उहे खेल होई’ जैसा भोजपुरी गाना जोड़कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
यह वीडियो इन युवकों के विरोधी पक्ष के हाथ लग गया, जो युवकों के थाना के अंदर पहुंचने से पहले थानेदार के पास तक पहुंच गया। विरोधी पक्ष ने इसे धमकी समझते हुए थानेदार से शिकायत कर दी। इसके बाद वीडियो पर संज्ञान लेते हुए थानेदार ने तीनों युवकों को बेल देने से इंकार कर दिया।
बता दें कि मई माह में स्थानीय थाना के महादेवगंज गांव में आयोजित यज्ञ समारोह के दौरान दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इसमें दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एक पक्ष द्वारा कराई गई प्राथमिकी में इन तीनों युवक को आरोपी बनाया गया था। जमानतीय धारा में दर्ज हुई प्राथमिकी में तीनों युवकों को केस के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर शिवपुकार सिंह ने बेल देने के लिए थाना बुलाया था। पर इनके द्वारा बनाए गए वीडियो ने इनकी परेशानी बढ़ा दी। स्थानीय लोग इसे कानून का मजाक उड़ाना बता रहे हैं।
Source: Hindustan
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