राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बेबी शैम्पू बनाने वाली अमेरिका की कंपनी ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ को निर्देश दिया है कि वह बाजार से अपने सभी शैम्पू वापस ले. एनसीपीसीआर के मुताबिक शैम्पू में ऐसे रासायन पाए गए हैं जो बच्चों की सेहत बिगाड़ सकते हैं. हालांकि कंपनी ने दवा किया है कि उनके उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इससे बच्चे की सेहत पर किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.

‘जॉनसन एंड जॉनसन’ की ओर से बताया गया है कि उनके शैम्पू में किसी भी तरह का खतरनाक तत्व नहीं है. कंपनी ने तो यहां तक कह दिया है कि राजस्थान की एक प्रयोगशाला में अप्रशिक्षित लोगों से शैम्पू की जांच कराई गई है, जिसके कारण गलती से ऐसे निष्कर्ष निकले हैं. पिछले काफी समय से इस संबंध में शिकायत की जा रही थी, जिसके बाद एनसीपीसीआर ने संज्ञान लेते हुए अप्रैल में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा था कि वे ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ के शैम्पू तथा टैल्कम पाउडर का परीक्षण करें.

एनसीपीसीआर ने अब कंपनी से मानक गुणवत्ता के अनुरूप न पाई गई खेप की आपूर्ति तत्काल वापस लेने को कहा है. इसी के साथ आशंका जाहिर की गई है कि क्योंकि कंपनी के उत्पाद बाजार में आ चुके हैं तो हो सकता है कि कुछ लोगों ने इसे खरीद भी लिया हो. आयोग ने इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रानिक स्वरूप में एक एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए.

गौरतलब है कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैंपू में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले रासायनिक तत्व फॉर्मेल्डिहाइड पाए जाने पर यूपी में इसकी बिक्री पर पहले ही रोक लगा दी गई थी. एफएसडीए के औषधि नियंत्रक एके जैन ने बताया कि जयपुर में बैच नंबर बीबी-58204 के बेबी शैंपू के नमूने में फॉर्मेल्डिहाइड पाया गया था.

क्या है फार्मेल्डिहाइड

इससे त्वचा, सांस संबंधी बीमारियों के साथ ही कैंसर भी होने का खतरा रहता है. इसका प्रयोग खाद्य सामग्री और शरीर पर प्रयोग होने वाले उत्पादों में प्रतिबंधित किया गया है. शैंपू या तेल में इसके मिले होने से पसीना नहीं निकल पाता है. यह रोम छिद्रों को बंद करने के साथ ही त्वचा एवं आंतरिक कोशिकाएं को भी प्रभावित करता है.

Input : News18

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