देश भर में आज करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व महिलाएं अपने पतियों के लम्बी उम्र के लिए करती है। यह हर साल मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं दिन भर अन्न और जल के ग्रहण किये व्रत रखती है। इसके बाद शाम को चाँद देखकर अपना व्रत खोलती है। सुहागिनों को चाँद का बेसब्री से इंतजार रहता है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त इस बार शाम 06:05 बजे से शाम 07:21 बजे तक है। जबकि व्रत का समय सुबह 06:39 बजे से रात 08:59 बजे तक। वहीं अगर चंद्रोदय की समय का बात करें तो वो रात्रि 08:59 बजे है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती है।
इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती है और स्वच्छ कपड़े पहनती है। इसके बाद शिव जी के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लेती है। ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से व्रती महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस बार दुर्लभ शिव योग में यह व्रत हो रहा है।
करवा चौथ की पूजन विधि
करवा चौथ की पूजा के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पाटा स्थापित करें।
इसके बाद सभी जरूरी सामान के साथ करवा चौथ पूजा की थाली तैयार करें।
फिर पूजा के स्थान पर सही दिशा देखकर करवा माता की तस्वीर दीवार पर लगाएं।
अब पाटे की उत्तर दिशा में एक जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करें और उसमें थोड़े-से चावल डाल दें।
अब जल से भरे कलश पर रोली, चावल का टीका लगाकर लोटे पर मौली बांध दें।
पूजा के शुभ मुहूर्त में अपनी सास या जेठानी या फिर किसी अन्य पूज्य महिला से करवा चौथ व्रत की कथा सुनें।
पूजा की थाली में रोली, गेहूं, धूप, दीपक, सींक आदि सब रख लें।
सुहागिन महिलाओं के साथ कथा सुनने के बाद 7 बार करवे की अदला-बदली करें। अब जल से भरे करवे को रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए रख लें।
फिर चंद्रमा के निकलने के बाद दीपक जलाकर चांद की पूजा करें और आरती उतारें।
इस दौरान छलनी से चंद्रमा के दर्शन करने के बाद पति का चेहरा देखें।
फिर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलें।
उसके बाद घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भोजन करें।
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