कठुआ रे’प माम’ले में पंजाब के पठानकोट की एक विशेष अदा’लत ने फ़ैसला सुना दिया है.
मामले में कोर्ट ने सात में से छह अभि’युक्तों को दो’षी ठहराया है.
कोर्ट से बाहर आए पीड़ि’ता पक्ष के वकील मुबीन फ़ारूक़ी ने कहा कि विशाल को छोड़ कर सभी छह अभियु’क्तों को दो’षी ठहराया गया है. स’ज़ा क्या होगी, इस पर कोर्ट अपना फ़ैसला दोपहर बाद सुनाएगा.
मामले में आनंद दत्ता, दीपक खजुरिया, सांझी राम, तिलक राज, सुरिन्दर वर्मा और प्रवेश कुमार दो’षी ठहराए गए हैं. विशाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
जम्मू के कठुआ में पिछले साल जनवरी के महीने में आठ साल की एक बच्ची के साथ गैंगरे’प के बाद उसकी ह’त्या कर दी गई थी.
Kathua rape & murder case: "Persons convicted by Pathankot court are Sanji Ram, Anand Dutta, Parvesh Kumar, Deepak Khajuria, Surender Verma and Tilak Raj. Verdict yet to come on Vishal," says Advocate Mubeen Farooqui, representing victim's family. (original tweet will be deleted) pic.twitter.com/Z2fmGydfi9
— ANI (@ANI) June 10, 2019
पीड़िता की मां ने की फांसी की मांग
कोर्ट के फ़ैसले के बाद पीड़िता की मां ने मुख्य अभियुक्त सांझी राम को फांसी देने की मांग की है.
उन्होंने बीबीसी से कहा, “मुझे राहत मिली है, लेकिन न्याय तब मिलेगा जब सांझी राम और विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया को फांसी दी जाएगी.”
“मेरी बेटी का चेहरा आज भी मुझे परेशान करता है और यह दर्द जीवनभर रहेगा. जब मैं उसकी उम्र के दूसरे बच्चों को खेलते देखती हूं तो मैं अंदर से टूट जाती हूं.”
पीड़िता पक्ष के वकील मुबीन फ़ारूकी ने कहा, “आज सच की जीत हुई है. आज पूरे देश की जीत हुई है. पूरे देश ने यह लड़ाई मिल कर लड़ी थी. दीपक खजुरिया, प्रवेश कुमार और सांझी राम को 376डी, 302, 201, 363, 120बी, 343 और 376बी के तहत दोषी ठहराया गया है. वहीं तिलक राज, आनंद दत्ता और सुरिन्दर वर्मा को आईपीसी की धारा 201 के तहत दोषी ठहराया गया है. यह संवनैधानिक भावना की जीत है. सत्यमेव जयते.”
Welcome the judgement. High time we stop playing politics over a heinous crime where an 8 year old child was drugged, raped repeatedly & then bludgeoned to death. Hope loopholes in our judicial system are not exploited & culprits get exemplary punishment https://t.co/jBuRUdGa5h
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 10, 2019
वहीं अभियुक्तों के वकील ने हाई कोर्ट जाने की बात कही है.
पुलिस के मुताबिक़ बच्ची को कई दिनों तक ड्रग्स देकर बेहोश रखा गया था. उसे पिछले साल 10 जनवरी को अग़वा किया गया था और क़रीब एक सप्ताह बाद उसका शव मिला था. इस मामले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए थे.
मामले की सुनवाई बंद कमरे में तीन जून को पूरी कर ली गई थी और फ़ैसला 10 जून को सुनाना तय हुआ था.
Punjab: Accused brought to Pathankot court ahead of verdict in Kathua rape & murder case pic.twitter.com/BzYcWYAPF2
— ANI (@ANI) June 10, 2019
सोमवार को क़रीब दस बजे मामले के सभी सात अभियुक्तों को कोर्ट लाया गया. इसके बाद फ़ैसले को सुनाने की कार्यवाही शुरू हुई.
मामले का आठवां अभियुक्त नाबालिग़ है.
फ़ैसले को लेकर जम्मू के कठुआ में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ज़िले में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. पठानकोट में कोर्ट के बाहर भी भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
सुप्रीम कोर्ट की दख़ल के बाद पठानकोट में शुरू हुई थी सुनवाई
कठुआ रेप और हत्या मामले में जब पुलिस चार्जशीट दायर करने जा रही थी तो रास्ते में कुछ स्थानीय पत्रकारों ने उनका रास्ता रोक लिया था. अभियुक्तों के पक्ष में रैलियां निकाली गई थीं.
इसे देखते हुए मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दख़ल दिया और आदेश दिया कि मामले का ट्रायल जम्मू से बाहर पठानकोट में किया जाएगा और इस ट्रायल में हर दिन कैमरे के सामने कार्यवाही होगी.
इस मामले की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनने को मिली थी. अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने आठ वर्षीय बच्ची से रेप और हत्या की घटना को ‘डरावना’ बताया था. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इस संबंध में प्रशासन न्याय ज़रूर सुनिश्चित करवाएगा.
मामले में कब क्या हुआ?
- नाबालिग बच्ची 10 जनवरी 2018 को गुम हुई थी और 17 जनवरी को उसका शव मिला था.
- जम्मू और कश्मीर सरकार ने 23 जनवरी 2018 को मामले की जांच राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी थी.
- क्राइम ब्रांच ने 10 फ़रवरी 2018 को एक स्पेशल पुलिस ऑफ़िसर दीपक खजुरिया को गिरफ़्तार किया.
- क्राइम ब्रांच ने 10 अप्रैल 2018 को इस मामले में कठुआ की एक अदालत में आरोप-पत्र दाख़िल किया था.
- आरोप पत्र दाख़िल करते समय कठुआ के कई वकीलों ने अदालत के बाहर हंगामा किया और पुलिस को आरोप-पत्र दाख़िल करने से रोकने की कोशिश की थी.
- आरोप-पत्र दाख़िल होने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 18 अप्रैल 2018 की तारीख़ दी.
- क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप-पत्र में लिखा था कि पहले बच्ची का अपहरण किया गया, उसे नशीली दवाएं खिलाई गईं और कई दिनों तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया जाता रहा.
- क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप-पत्र में ये भी कहा कि बच्ची को कई दिनों तक इलाक़े के एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था. बाद में उसकी हत्या कर दी गई.
- 16 जनवरी 2018 को ‘हिंदू एकता मंच’ नाम के एक संगठन ने कठुआ में वकीलों के समर्थन में रैली निकाली, जिसमें बीजेपी के स्थानीय विधायक राजीव जसरोटिया और दूसरे नेता भी शामिल थे.
- 4 मार्च 2018 को बीजेपी के दो मंत्री चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने कठुआ में ‘हिंदू एकता मंच’ की रैली को संबोधित किया और मामले की सीबीआई जाँच की मांग की.
- 5 अप्रैल 2018 को इस पूरी घटना के मुख्य अभियुक्त सांझी राम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
- 13 अप्रैल 2018 को बीजेपी के दो मंत्री लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा से पार्टी ने इस्तीफ़ा माँगा.
- 16 अप्रैल 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर सरकार से इस बात का जवाब माँगा कि पीड़िता के परिवारवालों ने मामले के ट्रायल को राज्य से बाहर कराए जाने की मांग की है.
- 18 अप्रैल 2018 को पहली सुनवाई में क्राइम ब्रांच से कहा गया कि सभी आरोपियों को आरोप-पत्र की कॉपी दी जाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 7 मई 2018 की तारीख़ दी थी. दरअसल, पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर केस का ट्रायल जम्मू और कश्मीर से बाहर कराने की मांग की थी.
- इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पंजाब के पठानकोट में ट्रांसफर कर दिया था.
Input : BBC Hindi