जमीन खरीद-बिक्री की रोक सूची में शामिल खेसरा के रैयतों के लिए एक और राहत भरी खबर है। अंचल व जिला स्तर पर बनने वाली रोक सूची के खेसरा के साथ अब थाना व वार्ड नम्बर भी दर्ज करना होगा। पहले रोक सूची में थाना व वार्ड नम्बर दर्ज न रहने के कारण पूरे जिले का एक नम्बर का खेसरा एक साथ ब्लॉक हो जा रहा था, जिससे रोक सूची में शामिल खेसरा की संख्या 1.10 लाख से भी ऊपर हो गई थी। इससे रैयतों को नाहक परेशानी हो रही थी और उनकी खतियानी जमीन पर रोक सूची में शामिल बतायी जा रही थी।
डीएम प्रणव कुमार ने रोक सूची में संशोधन के लिए जो नया आदेश जारी किया है, उससे लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अब रोक सूची में खेसरा के साथ ही उसका वार्ड व थाना नम्बर भी दर्ज रहेगा। इसका लाभ यह होगा कि रोक सूची में वही खेसरा शामिल होगा जिस वार्ड की जमीन पर रोक लगायी जाएगी। डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को आदेश दिया है कि रोक सूची में शामिल सभी खेसरा के साथ थाना व वार्ड नम्बर दर्ज कर संशोधित रोक सूची बनायें, जिससे लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने अंचलाधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर संशोधित रिपोर्ट तैयार कर भेजने का आदेश दिया है। अंचलों में होने वाली इस सुधार के लिए अभियान चलेगा और इसकी मॉनिटरिंग दोनों डीसीएलआर करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने डीसीएलआर पूर्वी सह खास महाल पदाधिकारी को खास महाल की जमीन की विवरणी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
जिले में अभी जो रोक सूची प्रभावी है, उसमें सिर्फ खेसरा संख्या दर्ज है। उसमें न तो खाता संख्या है, न वार्ड संख्या व और थाना नम्बर। उदाहरणत: यदि खेसरा नम्बर आठ को रोक सूची में शामिल किया गया, तो जिले के सभी वार्ड के आठ नम्बर खेसरा पर रोक लग जा रही थी।
अब वार्ड नम्बर दर्ज होने के बाद उसी वार्ड का खेसरा नम्बर ब्लॉक होगा, जिसका विवरण रोक सूची में शामिल रहेगा।
लोगों की इस समस्या को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद राज्य स्तर पर रोक सूची की समीक्षा हुई और अब नया आदेश आया है। उम्मीद है कि जिले में रोक सूची में शामिल 1.10 लाख खेसरा घटकर अब कुछ हजार रह जाएगी।