कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, पार्टी की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व महासचिव पवन वर्मा आज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए. तीनों ही नेताओं का तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी में स्वागत किया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सलाहकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य वर्मा को 2020 में राज्य में सत्तारूढ़ जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था.
Cricketer-turned-politician, Shri @KirtiAzaad joined our Trinamool Congress family today, in the presence of our Chairperson @MamataOfficial and our National General Secretary @abhishekaitc.
We welcome him warmly and look forward to working together in this new journey! pic.twitter.com/89CWO3yCRW
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) November 23, 2021
पवन वर्मा ने कहा कि मैंने टीएमसी ज्वाइन किया है. जेडीयू छोड़ने के बाद काफी गहराई में जाने के बाद मुझे आज की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि किसी भी लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है. सरकार को लोकतांत्रिक ढंग से चुनौती देना जरूरी है. मैं उम्मीद करता हूं कि साल 2024 में ममता बनर्जी राष्ट्रीय चुनाव जीतकर दिल्ली में होंगी.
क्या बोले कीर्ति आजाद?
कीर्ति आजाद ने टीएमसी में शामिल होने के बाद कहा कि ममता बनर्जी ने जमीन पर उतर कर लड़ाई लड़ी है. मैंने भी हमेशा यही प्रयास किया है कि लोगों के लिए लड़ाई सीधे जमीन पर उतर के लड़ी जाए. जो लोग देश को विभाजित करने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा.
Congress leader Kirti Azad joins TMC in Delhi
"It makes me happy to say that under the leadership of Mamata Banerjee, I'll work for the development of the nation. Today, a personality like her is needed in the country who can show the country the right direction," he says pic.twitter.com/1HC9OdIHYk
— ANI (@ANI) November 23, 2021
ममता बनर्जी अभी दिल्ली आई हुई हैं. वह दिल्ली आने पर हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करती हैं. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस बार शायद सोनिया गांधी से ना मिलें.
कीर्ति आजाद 1983 की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे. दिसंबर 2015 में दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ में कथित अनियमितताओं तथा भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को खुले तौर पर निशाना बनाने के लिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निलंबित कर दिया गया था. वह 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
आजाद , बिहार की दरभंगा संसदीय सीट से तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए. 2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर आम चुनाव लड़ा था.
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट वितरण में पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्हें कांग्रेस से अलग होना पड़ा था. कांग्रेस छोड़ने के बाद इस साल फरवरी में उन्होंने अपनी पार्टी ‘‘अपना भारत मोर्चा’’ बनाई.
वह हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं और किसी समय राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे. सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब तंवर को हरियाणा में पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
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