महीने की शुरुआत यानी एक सितंबर से देशभर में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम (motor vehicle act 2019) के प्रभावी होने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माने की कड़ी में लापरवाही में फंसे दिल्ली-एनसीआर के ही तीन लोगों का चालान क्रमशः 23,000, 24,000 और 35,000 रुपये किया गया है। बता दें कि लापरवाही के चलते स्कूटी सवार दिनेश मदान नाम के शख्स का चालान 23,000 रुपये तो गुरुग्राम (सुभाषनगर) के रहने वाले जयनारायण को 24000 रुपये का चालान और तीसरे ऑटो ड्राइवर का चालान 35000 रुपये किया गया है। ये तीनों ही मामले दिल्ली से सटे गुरुग्राम के हैं, लेकिन तीनों ही मामलों की चर्चा देशभर में हो रही है। इस स्टोरी में हम आपको बता रहे हैं कि आप जरा सी सावधानी और डिजिलॉकर (DigiLocker) या फिर एमपरिवहन एप (M-PARIVAHAN APP) का इस्तेमाल करें तो ऐसे चालान और झंझट से मुक्ति पा सकते हैं।
डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप करें डाउनलोड
इसके तहत बिना किसी परेशान के इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वाहन चालकों को अपने स्मार्टफोन में सबसे पहले डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप को डाउनलोड करना होगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया के तहत साइनअप करने के लिए अपना मोबाइल नंबर दर्ज (Mobile Number Enter) करना होगा। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही आपके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी (One Time Password) आएगा। इस ओटीपी को एंटर करके सत्यापित (verified) करना होगा। फिर इसके अगले चरण में लॉगिन करने के लिए अपना यूजर नेम और पासवर्ड सेट करना होगा। इसके बाद आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा। इसके बाद तय नियम के तहत आपको अपने आधार नंबर को प्रमाणित करना होगा। इसके बाद आधार डेटाबेस में पूर्व में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इसके बाद ओटीपी को एंटर करने के बाद आधार प्रमाणित करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा। अब इसमें अपने आधार नंबर को प्रमाणित करिए।
डिजिलॉकर की खूबी
डिजिलॉकर बनते ही आप अपनी आरसी (certificate of registration), लाइसेंस (License) और इंश्योरेंस (Esurance) की कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसा करने के बाद आपको यह सब चीजें अपने पास रखने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। इतना ही नहीं, कहीं भी ट्रैफिक पुलिस को आप जरूरत पढ़ने पर ये सभी कागजात डिजिलॉकर की मदद से दिखा सकते हैं। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर भी जरूरत पढ़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
आखिर क्या है डिजिटल लॉकर
गौरतलब है कि डिजिटल लॉकर अथवा डिजिलॉकर (Digital Locker या Digi Locker) एक तरह का वर्चुअल लॉकर (virtual locker) है। इस सुविधा को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल पहले जुलाई 2015 में लॉन्च किया था। यह अलग बात है कि इससे जुड़े नियमों को 2017 में नोटिफिाई किया गया था। इसके बाद परिवहन मंत्रालय की ओर से कहा जा चुका है कि एक बार लॉकर में अपने डाक्यूमेंट अपलोड करने के बाद उन्हें अपने पास हर समय रखने की जरूरत नहीं होती है। संबंधित अधिकारियों मसलन परिवहन विभाग और यातायात विभाग के अधिकारियों के मांगे जाने पर आप इसे दिखाकर अपना काम चला सकते हैं। अधिकारी को इसे मान्यता देना होगा, क्योंकि सरकार इसे मान्य करार दे चुकी है।
सेफ रहता है डिजिटल लॉकर
यहां पर बता दें कि यह सुविधा मोबाइल फोन पर उपलब्ध होते ही आप कहीं भी और कभी भी अपने डॉक्युमेंट्स इसके जरिए जमा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, डिजिटल लॉकर स्कीम में हर भारतीय एजुकेशनल, मेडिकल, पासपोर्ट और पैन कार्ड डिटेल्स को डिजिटल फॉर्म में रख सकता है।
वहीं, मोबाइल फोन में एमपरिवहन एप में गाड़ी के मालिक का नाम, रजिस्ट्रेशन की तारीख, मॉडल नंबर, इंश्योरेंस की वैधता आदि जानकारी रहती है। ऐसे में वाहन चालकों किसी तरह के कागजात को साथ में लेकर चलने की जरूरत नहीं होती है। इसे भी सरकार की ओर से मान्यता हासिल है।
परिवहन मंत्रालय दे चुका है सहमति
परिवहन मंत्रालय पहले ही कह चुका है डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप पर मौजूद दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी को वैध माना जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों के परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा था कि वे सत्यापन के लिए दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी न लें।
एक सितंबर से लागू हुआ है नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019
गौरतलब है कि एक सितंबर से लागू नए नियम के तहत हेलमेट नहीं पहनने या सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो कि पहले 100 रुपये था जबकि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या तीन महीने की जेल हो सकती है।
Input : Dainik Jagran