माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. इसी उपासना के पर्व को बसंत पंचमी कहते हैं. साल के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है. इसमें विवाह, भवन निर्माण समेत कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इस शुभ तिथि पर ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी लिया जा सकता है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी यानी कल मनाया जाएगा. आइए आपको इसका शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बताते हैं.
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. उदिया तिथि के चलते बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा. इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक होगा.
बसंत पंचमी पर शुभ योग
शिव योग- इस साल बसंत पंचमी का शुभारंभ शिव योग में होगा. दरअसल 25 जनवरी को शाम 06 बजकर 15 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 26 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक शिव योग रहेगा.
सिद्ध योग- बसंत पंचमी पर शिव योग के समाप्त होते ही सिद्ध योग शुरु हो जाएगा. सिद्ध योग 26 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 27 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग- बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06 बजकर 57 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 27 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
रवि योग: बसंत पंचमी पर रवि योग भी बन रहा है. इस दिन शाम 06 बजकर 57 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 07 बजकर 12 तक रवि योग रहेगा.
बसंत पंचमी पर क्या करें?
बसंत पंचमी के त्योहार पर पीले और सफेद रंग के वस्त्र पहनें. माता सरस्वती को पीले और सफेद फूल चढ़ाएं. खासतौर पर चमेली के फूल देवी सरस्वती को जरूर चढ़ाएं. इस दिन छात्रों रो किताबों की पूजा करनी चाहिए. अगर आप नृत्य करते हैं या फिर किसी तरह की कला से संबंध रखते हैं तो इस दिन माता सरस्वती के साथ अपने वाद्य यंत्रों की पूजा करें.
बसंत पंचमी पर क्या न करें?
बसंत पंचमी पर काले, लाल या डार्क कलर के कपड़े न पहनें. किसी के लिए भी अशुभ बातें न कहें. ऐसी मान्यताएं हैं कि देवी सरस्वती इस दिन आपकी जीभ पर विराजमान होती हैं. इसलिए आपका कहा हुआ सत्य हो सकता है. इसलिए किसी के लिए भी अपशब्द या गलत शब्द मुंह से न निकालें. इसके अलावा, मांस और मदिरा के सेवन से बचें. छात्रों को इस दिन माता सरस्वती को यह वचन देना चाहिए कि वे साल भर मेहनत से पढ़ेंगे.
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजन विधि
बसंत पंचमी के दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. काले या लाल वस्त्र ना पहनें. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन, पीले और सफेद पुष्प जरूर अर्पित करें. प्रसाद में मिसरी, दही समर्पित करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम माना जाता है. पूजा के दौरान “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करें
Source : Aaj Tak