भारी बारिश के बाद कोसी नदी में उफान आने से बिहार के सुपौल जिले में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। सुपौल, किशनपुर, और सरायगढ़ भपटियाही प्रखंडों के तटबंध के अंदर के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे लगभग तीन दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। लोगों के घरों में आंगन और दरवाजों तक दो-दो फीट पानी भर गया है, जिससे लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। रविवार को कोसी नदी का जलस्तर 3 लाख 70 हजार 150 क्यूसेक तक पहुंच गया, जो इस साल का सबसे अधिक है। नेपाल के बराह क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार क्यूसेक जलस्तर दर्ज किया गया है और दोनों जगहों पर जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

फ्लड फाइटिंग से जुड़े इंजीनियरों में बेचैनी बढ़ गई है। जल संसाधन विभाग, वीरपुर के मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है और तटबंध पर दिन-रात पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। फिलहाल कोई खतरा नहीं है और सभी लोग सुरक्षित हैं। इंजीनियरों की टीम एंबुलेंस के साथ तटबंध पर चौकसी बरत रही है।

जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि सभी सीओ को आवश्यकता के अनुसार नाव परिचालन शुरू करने का निर्देश दिया गया है। जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। कोसी तटबंध सुरक्षित है, लेकिन पूर्वी कोसी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है।

सरायगढ़ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर दर्जनों गांवों में लोगों के घरों में 2 से 3 फीट तक पानी भर गया है। ढोली, बनैनिया, लोकहा पंचायत मुख्य रूप से प्रभावित हैं जबकि भपटियाही, सरायगढ़, और चांदपीपर पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं। तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में पानी भर जाने के कारण वे पलायन कर रहे हैं, लेकिन ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानी हो रही है।

ग्रामीणों के सामने भोजन और पशुओं के चारे की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। तटबंध के अंदर रहने वाले लोग त्राहिमाम की स्थिति में हैं और ऊंची जगहों पर शरण ले रहे हैं।

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