मुजफ्फरपुर के बूढी गंडक नदी पर अखाड़ाघाट पुल से पूरब की ओर निर्मित आरसीसी पुल के एप्रोच पथ के निर्माण का मामला पिछले दस वर्षों से अटका हुआ है। अब इसके समानांतर पुल निर्माण के लिए भू-अर्जन पर ग्रहण लग गया है।

बता दें कि पुल निर्माण निगम ने अखाड़ाघाट पुल के समानांतर पुल निर्माण के लिए भू-अर्जन की अधियाचना भेजी थी, लेकिन बीते 19 अगस्त को जिला भू-अर्जन कार्यालय ने इसे गलत बता कर वापस कर दिया। कहा गया है कि अधियाचना में चिह्नित स्थल गलत है और इसका सर्वेक्षण कर सुधार कर भेजा जाये। दरअसल, अखाड़ाघाट पुल के समानांतर पश्चिम ओर फोरलेन पुल के एप्रोच पथ निर्माण के लिए बूढ़ी गंडक नदी के दोनों ओर 2.67 एकड़ भू-अर्जन करने का प्रस्ताव पुल निर्माण निगम ने जिला भू-अर्जन कार्यालय को भेजा था।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता इरफान अली ने अखाड़ाघाट पुल के समानांतर पुल निर्माण के लिए शेखपुर व सिकंदरपुर में भू-अर्जन के लिए प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने प्रस्ताव में नया पुल का निर्माण कराने के लिए शेखपुर में 1.6417 एकड़ और सिकंदपुर के वार्ड नंबर दो में 1.0312 एकड़ जमीन का भू-अर्जन करने का आग्रह किया।

जिला भू-अर्जन अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने भेजे गए प्रस्ताव को वापस करते हुए कहा है कि इसमें शेखपुर में 1.6417 और सिकंदरपुर में 1.0312 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए कहा गया है, लेकिन सिकंदरपुर वार्ड नंबर दो ब्रह्मपुरा में पड़ता है। मुशहरी अंचलाधिकारी द्वारा भू-अर्जन के लिए चिह्नित जमीनों की खेसरा संख्या के साथ खतियान में दर्ज रैयतों के नाम, वर्तमान रैयतों के नाम और जमाबंदी की सूचना के साथ वर्तमान में दखल-कब्जा की जानकारी लेने पर स्थल में अंतर आ रहा है।

नए पुल के निर्माण पर कुल 57.38 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जबकि टेंडर की प्रक्रिया 30 अगस्त तक पूरी करने की जानकारी दी गई है। अब पुल निर्माण निगम द्वारा इसमें सुधार के बाद ही नए फोरलेन पुल के लिए अखाड़ाघाट में भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू होगी।

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Pooja

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