राज्य में अब कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि में तब्दील कराना बेहद सरल होगा। उद्योग लगाने या अन्य किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए गैर कृषि भूमि की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। ऑनलाइन ही इससे संबंधित अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने सोमवार को लैंड कन्वर्जन नाम की वेबसाइट लॉन्च की।

वेबसाइट पर पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए निर्धारित राशि ऑनलाइन माध्यम से जमा करनी होगी। संपरिवर्तन फीस अधिसूचित भूमि के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तय है। इसके लिए अंतिम रूप से आदेश जारी करने का अधिकार अनुमंडल पदाधिकारी को बनाया गया है। सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डिजिटल साइन कॉपी ऑनलाइन माध्यम से ही संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए 10 रुपये ऑनलाइन भुगतान करके इसे प्राप्त किया जा सकता है।

इनके लिए गैर-कृषि भूमि की जरूरत नहीं छोटी दुकानों के लिए उपयोग में लायी जाने वाली 500 वर्गफीट से कम भूमि को गैर-कृषि भूमि में तब्दील कराने की जरूरत नहीं है। एक एकड़ से कम पारंपरिक पेशा से जुड़े सूक्ष्म घरेलू उद्योग के लिए इसकी जरूरत नहीं पड़ती है। इसके ऑनलाइन होने से इसमें पारदर्शिता आएगी और उद्यमी वर्ग को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।

बनाया जाएगा लैंड बैंक

मंत्री ने बताया कि राज्य में उद्योग समेत अन्य सरकारी कार्यों में जमीन के उपयोग के लिए लैंड बैंक बनाने की योजना है। इसके लिए सभी जिलों को उनके पास मौजूद गैर-मजरुआ जमीन की पूरी सूचि तैयार करके भेजने के लिए विभाग को कहा गया है। ताकि जमीन की समस्या नहीं हो।

सूबे में उद्योगों के लिए अब तक 269 एकड़ भूमि आवंटित मंत्री

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों को लगाने के लिए अब तक पूरे राज्य में 269 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मधेपुरा में 146 एकड़, गया में 23 एकड़ और परबत्ता (खगड़िया) में 100 एकड़ शामिल हैं। इसके अलावा पश्चिम चंपारण में पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए 1238 एकड़ जमीन मुहैया कराई गई है। गया में 636 एकड़ अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के लिए दी गई है। अभी खतियान, दाखिल-खारिज जैसे पांच दस्तावेजों की डिजिटल प्रति ली जा सकती है। आने वाले समय में 26 तरह के राजस्व दस्तावेजों को डिजिटल मुहैया कराने की योजना है।

Source : Hindustan

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