भारत रत्न लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने रविवार शाम को शिवाजी पार्क में स्वर कोकिला को मुखाग्नि दी और इसी के साथ वे पंचत्तव में विलीन हो गईं. लता मंगेशकर (92) का रविवार को मुम्बई में निधन हो गया. उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. भारतीय सिनेमा की महान पार्श्व गायिकाओं में शामिल मंगेशकर ने वर्ष 1942 में 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 25,000 से अधिक गीत गाए.
गायन के अपने सात दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान उन्होंने ‘अजीब दास्तां है ये’,‘प्यार किया तो डरना क्या’और ‘नीला असमन सो गया’ सहित कई यादगार गीत गाए हैं. भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित लता को विदेशों में भी सम्मानित किया गया था.
कौन हैं हृदयनाथ मंगेशकर
पेशे से संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर लता मंगेशकर, आशा भोंसले और उषा मंगेशकर के भाई हैं. इन्हें संगीत और फ़िल्म जगत में बालासाहब के नाम से जाना जाता है. दीनानाथ मंगेशकर के इकलौते बेटे हृदयनाथ मंगेशकर ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 1955 में आई मराठी फिल्म ‘आकाश गंगा’ से की थी. तब से, उन्होंने विभिन्न मराठी फिल्मों जैसे संसार, चानी, हा खेल सवल्यंचा, जानकी, जैत रे जैत, उम्बर्था और निवडुंग और कुछ बॉलीवुड फिल्मों के लिए संगीत तैयार किए; इनमें से सबसे लोकप्रिय रहा सुबाह, लेकिन… और माया मेमसाब हैं.
2009 में पद्म श्री से सम्मानित किए गए हृदयनाथ मंगेशकर
हृदयनाथ मंगेशकर को भीमसेन जोशी और जसराज के हाथों महाराष्ट्र के लोगों द्वारा पंडित की उपाधि से सम्मानित किया गया था. शंकराचार्य ने उन्हें भाव गंधर्व की उपाधि प्रदान की है. इतना ही नहीं, उन्हें 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
हृदयनाथ मंगेशकर ने मराठी और हिंदी में कई गाने तैयार किये
हृदयनाथ मंगेशकर अपने काम को लेकर काफी सेलेक्टिव रहे हैं. उन्होंने मराठी और हिंदी में गाने तैयार किए. उनके गीतों में अक्सर जटिलताएं होती हैं और उनकी मनोरंजक प्रस्तुतियों के लिए अधिक रेंज और गहराई से गाने वाले गायकों की जरूरत होती है. विनायक दामोदर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलामला’ उनकी जटिल रचना एक सर्वोत्तम उदाहरण है.
उनका 1982 का एल्बम ज्ञानेश्वर मौली, मराठी साहित्य के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक ज्ञानेश्वर की रचनाओं से सजा… मराठी में आधुनिक भक्ति संगीत के लिए अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने दूरदर्शन के संगीत नाटक फूलवंती के लिए भी संगीत तैयार किया.
2009 में शिवसेना में शामिल हो गए थे ह्रदयनाथ
उनकी कुछ सबसे यादगार हिंदी फिल्मों में हरिश्चंद्र तारामती, प्रार्थना, चक्र, लेकिन…, माया मेमसाब, लाल सलाम, यश चोपड़ा की मशाल, धनवान और चानी शामिल हैं. वह कवि-संत मीरा की कविताओं और गीतों की विशेषता वाले दो संपूर्ण एल्बमों की रचना और उसे रिलीज़ करने वाले पहले भारतीय संगीतकार भी हैं, जिनका शीर्षक ‘चला वही देस’ और ‘मीरा भजन’ हैं. साल 2009 में ह्रदयनाथ शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए थे.